शिमला: राजधानी के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल में इस साल स्क्रब टाइफस के काफी कम मामले सामने आए हैं. इस संबंध में ईटीवी को जानकारी देते हुए आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि स्क्रब टायफस में इस बार कमी का कारण सरकार और प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए किए गए प्रयास है.
स्क्रब टाइफस से अब तक 301 मामलों में 9 की मौत, बीते साल के मुकाबले आंकड़ा घटा - आईजीएमसी अस्पताल में स्क्रब टाइफस के मरीज
राजधानी शिमला में इस वर्ष स्क्रब टाइफस के मरीजों का आंकड़ा काफी कम हुआ है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन के प्रयासों से लोगों में स्क्रब टाईफस को लेकर काफी जागरूकता देखने को मिली.
![स्क्रब टाइफस से अब तक 301 मामलों में 9 की मौत, बीते साल के मुकाबले आंकड़ा घटा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-4809116-thumbnail-3x2-shimla.jpg)
डॉ. जनक राज की मानें तो जागरूकता के कारण लोगों ने स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखते ही तुरंत आईजीएमसी आकर इलाज करवाया. उन्होंने बताया कि इस साल मरीजों के स्क्रब टाइफस के 2408 सैम्पल लिए गए, जिनमें से 301 मरीजों में ही स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया, जबकि इस बीमारी के कारण 9 लोगों की मौत भी हो गई.
गौरतलब है कि साल 2019 में 400 से अधिक लोगों में स्क्रब टाइफस पॉजिटिव पाया गया था. जिनमें से 17 लोगों की मौत हो गई थी. डॉ. जनक राज ने बताया कि आईजीएमसी में दाखिल मरीजों का इलाज किया जा रहा है और मरीज ठीक हो कर घर जा रहे हैं.