शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी सपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान भी पहुंचाया है. प्रदेश में मानसून में मरने वालों का आंकड़ा 404 पहुंच गया है, जबकि करीब 377 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में 8667 करोड़ का नुकसान हुआ है. मानसून के थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. हालांकि अभी भी दूर-दराज इलाकों में 140 सड़कें बंद पड़ी हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं बंद हैं.
दरअसल, प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8667 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2937 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 140 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 56 सड़कें बंद हैं, जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 31 और कांगड़ा जोन में 22 सड़कें बंद हैं. मौसम साफ होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में तेजी लाई है. इस काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 534 से ज्यादा मशीनें लगाई हुई हैं.
जल शक्ति विभाग की 26 परियोजनाएं बंद:प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी और अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून के इस सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर गई हैं, लेकिन अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.