शिमला:हिमाचल प्रदेश में अबकी बार मानसून की बारिश ने कहर बरपाया है. मानसून की बारिश ने हिमाचल को करीब 8604 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश में सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं के अलावा निजी संपत्तियों को भी बारिश से भारी क्षति पहुंची है. प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोनजाओं को बहाल करने का काम जारी है, मगर अभी भी काफी संख्या में सड़कें बंद हैं और कई पानी की परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हैं. प्रदेश में अबकी बार काफी संख्या में लोगों को अपनी जानें भी गवानी पड़ी हैं. बारिश में होने वाले हादसों में 379 लोगों की जान गई हैं.
प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. अब तक करीब 8604 करोड़ का नुकसान बारिश से प्रदेश में आंका गया है जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2913 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 488 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग बंद सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है. इसके लिए टिप्पर, जेसीबी सहित 1160 मशीनें विभाग ने लगा रखी हैं.
जल शक्ति विभाग की 2115 करोड़ की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त:प्रदेश में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19515 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11037 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 10883 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. मगर अभी भी 154 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इससे कई इलाकों में पानी की दिक्कतें लोगों को आ रही हैं. पेयजल के अलावा सिंचाई की 2686 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 2115 करोड़ का नुकसान हो चुका है.