शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरस रहा है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. इसमें सबसे ज्यादा 2691 करोड़ की क्षति सड़कों और पुलों को पहुंची हैं. यही नहीं बारिश में 12 हजार से ज्यादा लोगों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और 341 लोगों भी की मौत हुई है.
प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. मानसून की बारिश से अब तक 8078 करोड़ का नुकसान हो चुका है. अकेले पीडब्ल्यूडी को 2691 करोड़ क्षति बारिश से पहुंची है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद भूस्खलन से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 562 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित एक हजार से ज्यादा मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है. लेकिन कई जगह बार-बार भूस्खलन होने से फिर से सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.
जल शक्ति विभाग को 1860 करोड़ का नुकसान:प्रदेश में भारी बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. बारिश के बाद आए भूस्खलन और सिल्ट से सैंकड़ों परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. पानी की परियोजनाएं बंद होने से लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.