शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंतकाल के लंबित मामलों के निपटारे के लिए राजस्व विभाग को विशेष इंतकाल अदालतें आयोजित करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राजस्व विभाग द्वारा 30 और 31 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में आयोजित की गई. इंतकाल अदालतों में हिमाचल के 74.22 फिसदी लंबित मामलों का निपटारा किया गया है. इन अदालतों में प्रदेशभर में इंतकाल के लंबित 41907 मामलों में से 31105 का निपटारा कर दिया गया. दो दिनों के भीतर ही 74.22 प्रतिशत लंबित मामलों का निपटारा होना, आम लोगों के लिए राहत लेकर लाया है.
बिलासपुर में सबसे ज्यादा मामलों का निपटारा: इस दौरान बिलासपुर जिले में इन दो दिनों के दौरान सबसे ज्यादा 90.78 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया है. यहां लंबित 1943 मामलों में से 1764 में इंतकाल दर्ज किए गए. किन्नौर जिले में 90.75 प्रतिशत मामलों का निपटारा हुआ. किन्नौर में कुल लंबित 400 में से 363 इंतकाल मामले दर्ज किए गए. जबकि ऊना जिले में 89.12 फिसदी इंतकाल मामले दर्ज हुए. यहां 3670 लंबित मामलों में से 3271 इंतकाल सत्यापित किए गए.
'गुड गवर्नेंस के लिए गुड गवर्नमेंट जरूरी': मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि गुड गवर्नेंस के लिए गुड गवर्नमेंट का होना जरूरी है. प्रदेशभर में लंबित इंतकाल के मामलों से लोग बहुत परेशान थे और सालों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे. ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष इंतकाल अदालतें लगाने का फैसला लिया, जिसके काफी अच्छे रिजल्ट सामने आए हैं. प्रदेशभर में आयोजित की गई इंतकाल अदालतों से आम आदमी लाभान्वित हुआ है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया जा रहा है.