शिमला: राजधानी शिमला के समरहिल में 14 अगस्त को हुए लैंडस्लाइड में शिव मंदिर पर भारी मात्रा में मलबा गिरा. स्थानीय लोगों के अनुसार इस हादसे के समय मंदिर में करीब 25 से 30 लोग मौजूद थे, जो कि लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए. हादसे के बाद से ही रेस्क्यू टीमों ने लोगों को मलबे से निकालना शुरू कर दिया, लेकिन अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. जिसके चलते आज हादसे के छठे दिन बाद भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी तक कुल 17 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं. आज मिले शव की पहचान पीएल शर्मा के पुत्र के रुप में हुई है. वहीं, अभी नीरज, पवन और उनकी पोती लापता है. जिसकी तलाश जारी है.
छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी: मिली जानकारी के अनुसार शिमला शिव मंदिर लैंडस्लाइड हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को भी जारी है. रेस्क्यू टीमों द्वारा मलबे में लापता लोगों की खोज की जा रही है. आर्मी के जवान, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय लोग रेस्क्यू और सर्च अभियान में लगातार जुटे हुए हैं. अभी तक मलबे से 17 शव बरामद हुए हैं. बीते शुक्रवार को भी रेस्क्यू टीम ने मंदिर के निचले नाले से 2 शव बरामद किए. शुक्रवार देर शाम तक रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चलता रहा. जिसे रात होने पर बंद कर दिया और आज सुबह फिर से रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन जारी है.
दोस्त को कहा था 'बचा लो': शुक्रवार को 2 शव बरामद किए गए. जिनकी पहचान बालूगंज स्कूल के पीटीआई अविनाश नेगी के तौर पर हुई, जबकि दूसरा शव मृतक अविनाश नेगी के मामा का था. बताया जा रहा है कि हादसे वाले दिन अविनाश नेगी ने अपने दोस्त दिग्विजय नेगी को सुबह करीब 9 बजे फोन किया और बताया कि वह यहां शिव मंदिर में फंस गए हैं. उन लोगों को यहां से बचा लिया जाए, लेकिन जब दिग्विजय मौके पर पहुंचे तो अविनाश का फोन बंद था. पिछले 5 दिनों से दिग्विजय अपने साथियों के साथ अविनाश और उसके मामा की तलाश में भटक रहे थे. शुक्रवार को अविनाश और उसके मामा का शव मिलने से उनकी ये तलाश भी खत्म हो गई. इसके साथ ही मृतकों की संख्या भी 17 पहुंच गई.