शिमला:राजधानी शिमला के साथ लगती कसुम्पटी विधानसभा में अबकी बार दिलचस्प मुकबाला देखने को मिल रहा है. कसुम्पटी में अबकी बार कांग्रेस के दो बार विधायक रहे अनिरुद्ध से सामने जयराम सरकार के दमदार मंत्री सुरेश भारद्वाज है. सुरेश भारद्वाज शिमला शहरी सीट से लड़ते आए हैं लेकिन अबकी बार उनको कसुम्पटी से लड़ाया गया. कसुंपटी से 1998 के बाद से भाजपा का कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया है. ऐसे में यह सवाल है कि अबकी बार क्या भारद्वाज भाजपा को यह सीट दिला पाएंगे? (Kasumpti assembly seat) (himachal assembly elections 2022)
औसत से कम हुआ मतदान:शिमला की कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार भी राज्य के औसत से कम मतदान हुआ है. हालांकि, इस बार कसुंपटी में मतदान प्रतिशत में 1.43 फीसदी की बढ़ोतरी इस बार हुई है. कसुम्पटी में मतदान प्रतशित 66.86 फीसदी से बढ़कर 68.24 फीसदी मतदान हुआ है. लेकिन राज्य की औसत से यह कम है. एक ओर जहां पूरे प्रदेश में औसतन 75.6 फीसदी मतदान अबकी बार हुआ, वहीं यहां पर मतदान की प्रतिशतता 68.24 रही. इस क्षेत्र के कुल 66, 824 मतदाताओं में से 45, 634 मतदाताओं ने मतदान किया, जिनमें 23,708 पुरुष और 21,926 महिला मतदाता शामिल है.
कसुम्पटी विधानसभा में कांग्रेस का रहा है दबदबा:कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में हमेशा कांग्रेस का ही दबदबा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1998 से अब तक के पांच चुनावों में यहां पर चार बार कांग्रेस जीती है, केवल एक बार 1998 में भाजपा जीत पाई. 2017 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 61183 मतदाताओं ने मतदान किया. इसमें कांग्रेस ने 53.52 फीसदी मत हासिल किए थे, जबकि भाजपा को 30.72 फीसदी मत मिले. यहां पर सीपीएम भी सक्रिय है.
सीपीएम पिछले विधानसभा चुनावों में तीसरे स्थान पर रही थी. सीपीएम को तब 11.40 फीसदी मत मिले जबकि एक निर्दलीय भी 2.51 फीसदी मत ले पाए थे. बाकी दो निर्दलीयों में प्रत्येक को एक फीसदी से भी कम मत पड़े. मौजूदा कांग्रेस के विधायक अनिरूद्ध सिंह दो बार लगातर चुनाव से जीत चुके हैं और इस बार तीसरी बार वह चुनावी दंगल में हैं. भाजपा के पास अबकी बार सुरेश भारद्वाज सशक्त उम्मीदवार है.
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अबकी बार कांग्रेस को मिल रहा है कड़ा मुकाबला:शिमला शहर के साथ के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार कांग्रेस को भाजपा से कड़ा मुकाबला मिल रहा है. कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार छह उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इनमें कांग्रेस के अनिरूद्ध सिंह, भाजपा के सुरेश भारद्वाज, माकपा के डॉ कुलदीप सिंह तंवर, बीएसपी के कामेश्वर, आप के राजेश चानना और आरडीपी के राम प्रकाश है. हालांकि यहां पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही देखने को मिल रहा है, लेकिन सीपीएम को भी यहां कम नहीं आंका जा सकता. सीपीएम और इनका संगठन किसान सभा यहां लगातार सक्रिय रही है. ऐसे में वह यहां पर जीत और हार को तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
एक रणनीति के तहत भारद्वाज को शिमला से भेजा गया कसुम्पटी :भाजपा ने एक रणनीति के तहत शहरी विकास मंत्री को शिमला से हटाकर कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र भेजा है. यहां पर लगातार चार चुनावों में भाजपा का एक भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया. इससे यहां संगठन में भी एक तरह की शिथिलता भी आ गई है. कसुम्पटी में शिमला नगर निगम के पुराने 12 वार्ड शामिल हैं. सुरेश भारद्वाज जयराम सरकार में वह शहरी विकास मंत्री रहे हैं. भारद्वाज के अधीन शहरी विकास विभाग के तहत इन क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी के तहत कई काम भी हुए हैं. इसका फायदा भाजपा उठाना चाह रही है.