शिमला:देश के सबसे साक्षर राज्यों में शामिल हिमाचल में शहरी मतदाता वोटिंग के प्रति अधिक उत्साही नहीं है. राज्य के ग्रामीण इलाकों के लोग लोकतंत्र के पर्व में शहरवासियों के मुकाबले अधिक जोश से भाग लेते हैं. आंकड़े इस तथ्य की गवाही देते हैं. राज्य निर्वाचन आयोग निरंतर मतदान प्रतिशत की समीक्षा कर रहा है. इसी प्रक्रिया में यह सामने आया है कि ग्रामीण इलाकों में वोटर्स अधिक संख्या में मतदान के लिए आगे आए. यहां करसोग विधानसभा क्षेत्र के एक इलाके का उदाहरण प्रेरक है. एक ग्रामीण इलाके में बस तक नहीं जाती, लेकिन वहां मतदान का प्रतिशत हैरान कर देने वाला है.
अबकी बार धर्मशाला में 70.92 फीसदी, सोलन में 66.84 फीसदी, कसुम्पटी (इसके शहरी इलाके) में 68.29 फीसदी, शिमला शहर में 62.53 फीसदी मतदान हुआ है. इन शहरी क्षेत्रों में औसत मतदान ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत कम रहा है, जबकि पूरे प्रदेश में औसतन 75.6 फीसदी मतदान अबकी बार हुआ. हिमाचल में सबसे कम मतदान वाला शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र है. निर्वाचन विभाग के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की अधिक भागीदारी से उच्च रिकॉर्ड-तोड़ मतदान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. शिमला में मतदान न केवल राज्य में सबसे कम (62.53 प्रतिशत) है, बल्कि वास्तव में 2017 के चुनाव की तुलना में इसमें 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है.
टशीगंग में प्रतिकूल मौसम के बाद भी 100 फीसदी वोटिंग: लाहौल स्पिति स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केन्द्र टाशीगंग (15265 फीट) में प्रतिकूल मौसम में भी 100 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. चुनाव अधिकारियों की मानें तो यह राज्य के अन्य हिस्सों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का विषय है. इसी तरह चंबा के भरमौर विधानसभा क्षेत्र में के चसक भटोरी बूथ पर भी 75.26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. 11,948 फुट की ऊंचाई पर स्थित चसक-भटोरी के लिए पोलिंग पार्टी को 14 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ी है.