शिमला: हिमाचल से बाहरी राज्यों के लिए आम सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ों की चोरी को रोकने के लिए सरकार ने सख्ती की है. हिमाचल सरकार ने ऐसे पेड़ों के कटान पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने आम और पांच अन्य प्रजातियों के पेड़ों के काटने पर रोक लगाई है. ताकि इनकी चोरी रोकी जा सके. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हिमाचल प्रदेश में आम के पेड़ों के साथ-साथ त्रियांबल (फिकस प्रजाति), तुनी (तूना सिलियाटा), पदम या पाजा (प्रूनस सेरासस), रीठा (सैपिंडस मुकोरोसी) और बान (क्वेरकस ल्यूकोट्राइकोफोरा) के पेड़ों को काटने पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इन छह प्रजातियों को वन विभाग के 10-वर्षीय कटाई कार्यक्रम के तहत लाया गया है. उन्होंने कहा कि अब इन पेड़ों को केवल वन विभाग की अनुमति के साथ ही काटा जा सकता है. हालांकि, नए नियम के तहत घरेलू कार्यों के लिए एक वर्ष में अधिकतम पांच पेड़ों को काटने की अनुमति रहेगी.
Himachal Tree Cutting Ban: हिमाचल में अब बिना मंजूरी नहीं कटेंगे ये पेड़, आम सहित 6 किस्म के पेड़ों के कटान पर लगी रोक - paja felling ban
हिमाचल सरकार ने लकड़ी चोरी के मामलों को देखते हुए आम सहित छह प्रजातियों के पेड़ कटान पर रोक लगा दी है. जिसके तहत अब हिमाचल में आम सहित त्रियांबल, तुनी, पदम या पाजा, रीठा और बान के पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी गई है. (tree felling Ban in Himachal) (Himachal mango trees felling Ban) (Himachal Tree Cutting Ban) (Tree Cutting Banned in Himamchal).
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Aug 29, 2023, 6:05 PM IST
|Updated : Aug 30, 2023, 3:28 PM IST
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के बाहर किसी भी प्रजाति की इमारती लकड़ी और ईंधन की लकड़ी को ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि हिमाचक प्रदेश से लकड़ी की तस्करी पर अंकुश लग सके. इसका मकसद राज्य के मूल्यवान संसाधनों को बचाना भी है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा राज्य सरकार के इस निर्णय से वनों के अवैध कटान की रोकथाम होगी और राज्य की जैव विविधता को बचाने में भी मदद मिलेगी. वन विभाग ने 13 पेड़ प्रजातियों की एक संशोधित सूची अधिसूचित कर दी है, जिन्हें वन परिक्षेत्राधिकारी को सूचित कर काटा जा सकता है. बाकी अन्य सभी प्रजातियों के पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी. इस कदम से न केवल स्वदेशी प्रजातियों का संरक्षण होगा, बल्कि वन्य जीव संरक्षण में भी मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि हाल ही में ऊना जिला में लकड़ी तस्करी के एक बड़े मामले में लकड़ी से भरे 25 वाहन पकड़े गए थे. वहीं, हिमाचल में ग्रीन फैलिंग पर पहले से ही रोक है.