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Accidents in Himachal: हादसों की भेंट चढ़ रही जवानी, एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले 52% की उम्र 40 से कम, इस जिले में सबसे ज्यादा हादसे और मौत

हिमाचल में हर साल होने वाले हादसों में सबसे ज्यादा युवा अपनी जान गंवाते हैं. मरने वालों में सबसे ज्यादा 21 से 30 साल के युवक होते हैं. हैरान करने वाले आंकड़े जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर

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Published : Mar 25, 2023, 6:34 PM IST

हिमाचल में हादसे
हिमाचल में हादसे

शिमला : हिमाचल प्रदेश में हर साल हजारों हादसे होते हैं जिनमें कई लोग अपनी जान गंवाते हैं. हिमाचल में सड़क हादसे होते रहते हैं, कई बार दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियां तो कई बार इंसानी लापरवाही हादसों की वजह बनती है. लेकिन हिमाचल पुलिस ने प्रदेश में होने वाले हादसों से जुड़े कुछ आंकड़े जारी किए हैं. जिनसे निकले तथ्य काफी हैरान करने वाले हैं.

6 साल में सड़क हादसे- हिमाचल पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 से 30 सितंबर 2022 तक हिमाचल में 15,645 सड़क हादसे हुए हैं. इस दौरान 6,273 लोगों की मौत हुई जबकि 25,729 लोग घायल हुए हैं. हिमाचल पुलिस की ओर से इस दौरान हर जिले में हुए हादसों का आंकड़ा भी जारी किया है.

हिमाचल में सड़क हादसों का जिलावार आंकड़ा

कांगड़ा में सबसे ज्यादा हादसे, शिमला में सबसे ज्यादा मौतें- 2017 से सितंबर 2022 के दौरान हुए सड़क हादसों में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट कांगड़ा, शिमला और मंडी जिले में हुए हैं. जबकि सबसे कम सड़क हादसे लाहौल स्पीति जिले में हुए हैं. सड़क हादसों में मौत के मामले में शिमला जिला अव्वल है जहां 2555 हादसों में 1169 लोगों की जान गई जबकि 4387 लोग घायल हुए. कांगड़ा में सबसे ज्यादा 2617 हादसे हुए, जिनमें 847 की मौत हुई. वहीं मंडी में इस दौरान 1955 हादसों में 647 लोगों की मौत हुई है. ऊना, सोलन, सिरमौर और कुल्लू जिले में भी एक हजार से ज्यादा हादसे हुए हैं. पुलिस डिस्ट्रिक्ट बद्दी में इस दौरान 955 हादसे हुए जिनमें 437 लोगों की मौत हुई है. सड़क हादसों में सबसे ज्यादा घायल भी शिमला, कांगड़ा और मंडी जिले में हुए हैं.

हिमाचल में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 21 से 30 साल की उम्र के युवा जान गंवा रहे हैं.

सबसे ज्यादा युवा होते हैं हादसों का शिकार- हिमाचल पुलिस के आंकड़ों में एक बड़ा तथ्य ये निकलकर सामने आया है कि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा युवा शिकार होते हैं. 2017 से 2022 के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 21 से 30 साल के 1874 लोगों की मौत हुई, जो कि आयु वर्ग के हिसाब से सबसे अधिक है. इस तरह 31 साल से 40 साल के 1399 लोगों ने हादसों में अपनी जान गंवाई. इस तरह 21 साल से 40 साल तक की उम्र के लोगों का आंकड़ा 52 फीसदी है.

कांगड़ा और शिमला जिले में सबसे ज्यादा हादसे

कुल 6273 मौतों में से 208 बच्चे थे जिनकी उम्र एक साल से 10 साल के बीच थी. वहीं 11 से 20 साल के 591 लोगों की जिंदगी सड़क हादसों की भेंट चढ़ गई. इसी तरह 50 से 90 साल के 1100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान सड़क हादसे में गंवाई.

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