शिमला: राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बीपीएल परिवारों को छोड़ सभी घरेलू उपभोक्ताओं व औद्योगिक बिजली की दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा किया है.बेशक बढ़ी हुई दरों का असर घरेलू उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा मगर उद्योगों पर महंगी बिजली का असर पड़ना तय है. आयोग ने तय बिजली की दरों से बिजली बोर्ड का घाटा भी बढ़ने की उम्मीद है. बढ़ते घाटे को पूरा करने के लिए बोर्ड को या तो सरकार से विशेष मदद लेनी होगी अथवा ऋणों के सहारे काम चलाना होगा.
सनद रहे कि घरेलू उभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार ने बजट में बिजली उपदान के लिए 475 करोड़ की रकम का प्रावधान किया है. राज्य विद्युत नियामक आयोग एकेबीएस नेगी ने शनिवार को बिजली की नई दरों की घोषणा की.बिजली की नई दरें पहली जुलाई से लागू होंगी. आयोग ने बेशक बिजली की दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की हो मगर बीपीएल व अंत्योदय परिवारों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.
0 से 60 यूनिट बिजली प्रति माह खर्च करने वाले इन परिवारों को पहले की ही तरह एक रुपया प्रति यूनिट बिजली की दर रहेगी. हालांकि बिजली की दर प्रति यूनिट 3.30 रुपये है, मगर इसमें 2.30 रुपये प्रति यूनिट सरकार उपदान देगी. 0 से125 यूनिट बिजली प्रति माह खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 1.55 रुपये की दर से बिजली के बिल का भुगतान करना होगा. इन उपभोक्ताओं को 2.40 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी सरकार देगी, साथ ही बिजली की प्रति यूनिट दर 3.95 रुपये होगी.
126 से 300 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को सरकारी उपदान कम होगा. इन उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 5.45 रुपये की दर से बिजली मिलेगी. वहीं, 1.05 रुपये के सरकारी उपदान के बाद उपभोक्ताओं को 4.40 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल का भुगतान करना होगा.प्री पेड उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 2.95 रुपये की दर से बिजली के बिल का भुगतान करना होगा. हालांकि विद्युत नियामक आयोग ने पेयजल योजनाओं और कृषि के लिए उपयोग में लाई जाने वाली बिजली की दरों में भी प्रति किलो वाट की बढ़ोतरी की है, मगर इसका बहुत अधिक असर विभागों पर नहीं पड़ेगा. बिजली बोर्ड के खर्चों को पूरा करने के लिए इन दरों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है.