शिमला: प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की तरह अब प्राइवेट कॉलेजों में नियुक्त किए गए प्रिंसिपल भी आयोग्य पाए गए हैं. निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से प्राइवेट कॉलेजों के प्रिंसिपलों की योग्यता की जांच की जा रही थी, जिसमें इसका खुलासा हुआ है.
निजी कॉलेजों के 45 प्रिंसिपल पद पर रहने की योग्यता को पूरा नहीं करते हैं. ऐसे में आयोग की ओर से इन 45 कॉलेजों के प्रिंसिपलों को अयोग्य करार दिया गया, आयोग की प्रारंभिक जांच में ही यह खुलासा हुआ है. अभी तक आयोग ने 61 कॉलेजों की जांच की है.
आयोग ने की 61 कॉलेजों की जांच
61 कॉलेजों की जांच की गई, जिसमें 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं. जिन प्रिंसिपलों को अयोग्य पाया गया है उसमें मैनेजमेंट और डेंटल कॉलेजों के साथ ही संस्कृत और नर्सिंग कॉलेजों के प्रिंसिपल शामिल है. जांच में सामने आया है कि इन कॉलेजों में प्रिंसिपलों की नियुक्ति ही नियमों के बाहर जाकर की है. नियुक्ति के लिए संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी नहीं ली गई है और ना ही नियमित नियुक्ति प्रिंसिपलों की गई है.
वहीं, कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने तकनीकी शिक्षा बोर्ड से भी मंजूरी प्राप्त नहीं की है. जिन निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल को अयोग्य पाया गया है, उसमें बीएड/एमएड के 8, फार्मेसी के 7, संस्कृत कॉलेज के 4, निजी डिग्री कॉलेज के 4, नर्सिंग कॉलेजों के 14, लॉ कॉलेज के 2, मैनेजमेंट कॉलेज के 2 और डेंटल कॉलेजों के 2 प्रिंसिपलों के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों के 2 प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं.