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चिंताजनक: हिमाचल में यूके वेरिएंट के अबतक 40 पॉजिटिव केस, डबल म्यूटेंट के 16 मामले - UK variant of corona virus in Himachal

हिमाचल ने अब तक जीनोमिक सिक्वेंसिंग के तहत 876 सैंपल भेजे हैं जिनमें से 146 के परिणाम प्राप्त हुए हैं. इन 146 परिणामों में से 64 में किसी भी प्रकार का म्यूटेशन नहीं पाया गया है. 25 सैंपलों में कुछ म्यूटेशन देखे गए हैं. 40 सैंपलों में यूके वेरियंट पाॅजिटिव पाए गए हैं जबकि 16 सैंपलों में दोहरा म्यूटेशन पाया गया है जबकि एक सैंपल को एनसीडीसी द्वारा खारिज कर दिया गया है.

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Published : Jun 2, 2021, 9:32 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बेशक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ढलान पर है लेकिन इसी दौरान हिमाचल काफी चिंताजनक स्थिति से गुजर रहा है. प्रदेश में खतरनाक यूके वेरिएंट के अब तक 40 केस मिल चुके हैं. इसके अलावा डबल म्यूटेंट के भी 16 मामले मिले हैं.

25 सैंपलों में देखे गए म्यूटेशन

हिमाचल ने अब तक जीनोमिक सिक्वेंसिंग के तहत 876 सैंपल भेजे हैं जिनमें से 146 के परिणाम प्राप्त हुए हैं. इन 146 परिणामों में से 64 में किसी भी प्रकार का म्यूटेशन नहीं पाया गया है. 25 सैंपलों में कुछ म्यूटेशन देखे गए हैं. 40 सैंपलों में यूके वेरियंट पाॅजिटिव पाए गए हैं जबकि 16 सैंपलों में दोहरा म्यूटेशन पाया गया है जबकि एक सैंपल को एनसीडीसी द्वारा खारिज कर दिया गया है.

सैंपल एनसीडीसी दिल्ली को भेजने के हैं निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि देश में वायरल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए देशभर में दस क्षेत्रीय जीनोम सिक्वेंसिंग प्रयोगशालाओं के साथ भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम का गठन किया गया है. गत एक वर्ष में कोविड-19 वायरस में म्यूटेशन हुआ है और इन प्रयोगशालाओं को वायरस के प्रकारों के अध्ययन के उद्देश्य से विभिन्न राज्यों के लिए चिन्हित किया गया है.

हिमाचल प्रदेश के लिए एनसीडीसी दिल्ली को आरजीएसएल के रूप में चिन्हित किया गया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जीनोमिक सिक्वेंसिंग के उद्देश्य से दो प्रकार की निगरानी की जा रही है. इसमें एक होल जीनोमिक सिक्वेंसिंग निगरानी है जिसमें नामित प्रयोगशालाओं को डब्ल्यूजीएस के लिए एनसीडीसी दिल्ली को सैंपल भेजने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रवक्ता ने कहा कि दूसरा प्रकार विशेष निगरानी है जिसका उद्देश्य मामलों के क्लस्टरिंग, सुपर स्प्रेडर इवेंट, संस्थानों में मामलों की क्लस्टरिंग आदि करके समुदाय में डब्ल्यूजीएस जानकारी एकत्र करना है. कोविड पाॅजिटिव मरीजों के सैंपल जो टीकाकरण की दूसरी खुराक लेने के बाद कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी और जिला निगरानी अधिकारियों को ऐसे नमूनों की पहचान कर एनसीडीसी दिल्ली भेजने के लिए कहा गया है.

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