शिमलाःहिमाचल में बरसात के मौसम में अकसर पेड़ गिरने का खतरा बना रहता है. शिमला में भी हर साल पेड़ गिरने से भारी नुकसान होता है. राजधानी के रिहायशी इलाकों में 300 पेड़ ऐसे हैं जो लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. ये पेड़ बरसात में कभी भी गिर सकते हैं और बड़ा हादसा भी हो सकता है. इन पेड़ों को काटने के लिए लोग नगर निगम शिमला, वन विभाग और जिला प्रशासन से काफी समय से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इन पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिल पा रही है.
विकासनगर, छोटा शिमला, चौड़ा मैदान सहित कई क्षेत्रों में सूखे पेड़ है और इन पेड़ों से घरों को खतरा बना हुआ है. साथ ही सड़क किनारे भी पेड़ों की टहनियां लटक रही हैं. ये पेड़ लोगों को किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहे हैं.
पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को लिखा पत्र
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन खतरनाक पेड़ों को काटने के लिए कई बार वन विभाग और नगर निगम को पत्र लिखा है. इसके बावजूद इसके इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इन पेड़ों के गिरने का डर हमेशा सताता रहता है और यदि यह पेड़ गिरते हैं तो भवन को भी खतरा है और यहां सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ सकती है. उन्होंने नगर निगम से गुहार लगाई है कि इन पेड़ को जल्द से जल्द कटवाने का प्रबंध किया जाए.
बता दें कि सरकार की ओर से बनाई गई सब कमेटी हर साल बरसात से पहले ही खतरनाक पेड़ों को काटने की अनुमति देती थी, लेकिन इस बार हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से शहर में पेड़ों के काटने पर प्रतिबंध लगाने के बाद शहर में नगर निगम लोगों के लिए खतरा बने पेड़ों को नहीं काट पा रहा है. ऐसे में बरसात में शहर में इन पेड़ों के गिरने से बड़ा हादसा भी हो सकता है.