शिमलाःतम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन कैंसर को निमंत्रण देना है. कोविड काल में तम्बाकू का सेवन करने वालों को बड़ा खतरा है. प्रदेश में कैंसर की स्थिति के बारे में जब कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक साल में 2500 से 3000 मरीज कैंसर के आते है. इसमें 350 मरीज लंग्स कैंसर के होते है और लंग्स कैंसर के मरीज 100 फीसदी धूम्रपान करने वाले होते हैं. ऐसे में तंबाकू जानलेवा बन जाता है.
तंबाकू से होती है ये बीमारी
उनका कहना था कि तंबाकू से अन्य बीमारी भी होती है जैसे हार्ट, रेस्पिरेटरी सिस्टम को कमजोर करता है. उन्होंने बताया की कोरोना काल मे तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन खतरनाक हो सकता है. तम्बाकू और इससे बने पदार्थों का सेवन करने के कारण फेफड़ों का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, डायबिटीज का खतरा, हृदय रोग, कोलन कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं.
हर साल तम्बाकू से 50 लाख लोगों की होती हैं मौत
दुनिया में हर साल तम्बाकू से जुड़ी बीमारियों से करीब 50 लाख लोगों की मौत होती है, लेकिन इसके बावजूद लोग लगातार तंबाकू के आदी बनते जा रहे हैं. धूम्रपान के सेवन से कई दुष्परिणामों को झेलना पड़ सकता है. इतना ही नहीं महिलाओं में तंबाकू का सेवन गर्भपात या होने वाले बच्चे में विकार उत्पन्न कर सकता है. भारत की स्थिति भारत में भी तंबाकू से जुड़ी बीमारियां बहुत फैली हुई हैं.