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हिमाचल में एक साल में 2400 सड़क दुर्घटनाएं, 966 लोगों की हुई मौत, IRAD की रिपोर्ट में खुलासा

हिमाचल में एक साल में 2400 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 966 लोगों की मौत हुई है. ये खुलासा हुआ है IRAD की रिपोर्ट में. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Road Accident Reports) (Himachal Accident Data).

Himachal Road Accident Reports
Himachal Road Accident Reports

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 19, 2023, 7:39 PM IST

शिमला:हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं में लोग आए दिन अपनी जान गंवा रहे हैं. लोग लापरवाही कर दुर्घटनाओं को खुला न्योता दे रहे हैं. पुलिस विभाग द्वारा जारी एक साल की IRAD रिपोर्ट में चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एक साल के अंदर हिमाचल में 2400 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 966 लोगों की मौत हुई है.

IRAD report

इस रिपोर्ट के मुताबिक कांगड़ा में सबसे अधिक 313 सड़क हादसे हुए हैं, जबकि सिरमौर जिला 233 एक्सीडेंट के साथ चौथे स्थान पर है. दूसरे स्थान पर शिमला 302 और तीसरे स्थान पर मंडी 289 सड़क हादसों के साथ है. इनमें अधिकांश भयानक सड़क हादसे शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच होते है. इसका खुलासा भी IRAD यानि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस की रिपोर्ट में ही हुआ है. इस रिपोर्ट में शामिल डेटा और विश्लेषण सभी के लिए सड़क सुरक्षा के सामान्य लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में सभी हितधारकों के लिए सहायक होगा.

IRAD report

हिमाचल प्रदेश पुलिस टीटीआर शिमला के एडिश्नल एसपी नरवीर सिंह राठौर ने कहा कि एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस आईआरएडी परियोजना भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मोर्थ की एक पहल है और इसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. जिसका उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है. परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर हिस्से से दुर्घटना डेटाबेस को समृद्ध करने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस आईआरएडी का विकास करना है.

IRAD report

यह परियोजना डेटा एनालिटिक्स तकनीक के कार्यान्वयन के माध्यम से देश भर में एकत्रित सड़क दुर्घटना डेटा का विश्लेषण करके विभिन्न प्रकार की अंतर्दृष्टि उत्पन्न करेगी. प्रस्तावित प्रणाली आसान समझ के लिए मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग डैशबोर्ड और एनालिटिक्स डैशबोर्ड के माध्यम से विश्लेषण आउटपुट का प्रतिनिधित्व करेगी और तदनुसार नई नीतियों और रणनीतियों के निर्माण के लिए शीर्ष अधिकारियों द्वारा पूर्वानुमान और निर्णय लेगी. परियोजना के परिणाम से भारत में सड़क सुरक्षा यानी सभी के लिए सुरक्षित सड़क में वृद्धि होगी.

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