शिमला:राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज बुधवार को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के सभी सदस्यों और उनके परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक, ब्रिगेडियर मदन शील शर्मा (सेवानिवृत्त) ने राज्यपाल के कोट पर सशस्त्र सेना का झंडा लगाया. इस दौरान राज्यपाल ने सभी नागरिकों से सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में उदारतापूर्वक योगदान देने और सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कार्य व सेवा करने की अपील की. (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar)
उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक भारतीय सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका से परिचित है. देश के सैनिक कठिन परिस्थितियों के समय और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान देश व नागरिकों की मदद करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि देश के सशस्त्र बलों का गौरवशाली इतिहास रहा है. सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने देश की सेवा करते हुए जो बलिदान दिया है, वह उल्लेखनीय है. उन्होंने कहा कि वह इन सैनिकों के साहस और समर्पण को सलाम करते हैं. उन्होंने देश के लिए उनकी वीरता और सेवा के लिए आभार व्यक्त किया.
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत देश के सशस्त्र बलों का गौरव हैं. इसलिए यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम सभी इस नेक काम के लिए उदारता से योगदान दें. इस अवसर पर सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर मदन शील शर्मा (सेवानिवृत्त) ने राज्यपाल को भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों, उनके आश्रितों और सेवारत सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयासों और पहलों के बारे में जानकारी दी.
अंडमान निकोबार के 21 निर्जन द्वीपों का नामकरण:केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के 21 निर्जन द्वीपों का नामकरण देश के वीरता पुरस्कार, परमवीर चक्र, विजेता सैनिकों के नाम पर किया गया है. केंद्र व केंद्र शासित प्रदेश की इस पहल का शहीद परिवारों ने स्वागत किया है. हिमाचल प्रदेश के तीन लोगों के नाम पर अंडमान-निकोबार में तीन द्वीप होंगे. केंद्र शासित प्रदेश के इन 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में स्थित हैं, जबकि पांच द्वीप दक्षिण अंडमान में हैं. 21 द्वीपों में से कुछ आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जबकि कुछ में जल क्रीड़ा, क्रीक पर्यटन और मछली पकड़ने की काफी संभावनाएं हैं.
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देश में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्र सरकार ने रक्षा और स्थानीय अधिकारियों की सहायता से इन 21 द्वीपों के नाम परमवीर चक्र से अलंकृत सैनिकों के नाम पर रखे हैं. कारगिल युद्ध के महानायक (परमवीर चक्र विजेता) कै. विक्रम बत्रा के पिता गिरधारी लाल बत्रा से सरकार का धन्यवाद किया. इसे उन्होंने गर्व की बात बताते हुए कहा कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण भी एक तीर्थ स्थान रहा है और अब परमवीर चक्र विजेता सैनिकों का सम्मान देश के लिए गर्व की बात है.
उन्होंने कहा कि स्वजनों को मीडिया से ही इस बात की जानकारी हासिल हुई है. सरकारों की यह पहल भारतीय सैनिकों के बलिदान का एक अनूठा प्रमाण है. इससे युवा पीढ़ी इन सैनिकों की वीरता से अवगत होगी और उन्हें प्रेरण देगी. उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र नायकों के नाम से करना उन सैनिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने दोहराया कि स्कूली बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में बलिदानियों की गाथाएं प्रकाशित की जाएं, ताकि बच्चे देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों की जीवनी से प्रेरण ले सकें. उन्होंने पालमपुर में भी बलिदानी की याद में स्मारक बनाने की मांग की.
उत्तर और मध्य अंडमान में निर्जन द्वीप संख्या 'आईएनएएन 370' का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा रखा गया है. इस द्वीप को अब 'सोमनाथ द्वीप' के नाम से जाना जाएगा. मेजर सोमनाथ शर्मा आजाद भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता थे. शर्मा 3 नवंबर 1947 को श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के दौरान शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
इसके अलावा 21 बलिदानियों में सूबेदार और ऑनरेरी कैप्टन करम सिंह, मेजर रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह भाटी, कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर भी द्वीपों के नाम रखे गए हैं.
कै. विक्रम बत्रा के नाम भी एक द्वीप:कारगिल युद्ध के महानायक एवं ये दिल मांगे मोर के नारे से प्रसिद्ध बलिदानी परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा को भी अंडमान-निकोबार में द्वीप मिला है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान सेनानियों को अंडमान की सेल्युलर जेलों की एकांत कोठरी में रखा जाता था. साल 1857 के विद्रोह, वहाबी आंदोलन और बर्मी विद्रोह जैसे विभिन्न ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को अंडमान भेज दिया गया था, जहां उन्हें वहां की तंग सेलुलर जेलों में रखा जाता था और बर्बर यातनाएं दी जाती थीं.