शिमला: तिब्बत और चीन के साथ लगती लाहौल स्पीति की सीमा पर प्रदेश सरकार ने चौकसी बढ़ा दी है. सरकार ने एसपी रैंक के 2 अतिरिक्त अधिकारी टीम के साथ सीमावर्ती क्षेत्र में तैनात किए हैं. एसपी के नेतृत्व में दोनों टीमें सीमावर्ती गांव के लोगों का हौसला बढ़ाएंगी. इसके अलावा यह टीमें आंतरिक सुरक्षा पर भी विशेष नजर रखेंगी. विशेष ड्यूटी पर तैनात दोनों एसपी सीमावर्ती क्षेत्रों की रिपोर्ट सीधा डीजीपी को भेजेंगे.
जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के माध्यम से यह रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी जाएगी. दोनों देशों में तनाव के बाद बॉर्डर एरिया में ग्रामीणों की आवाजाही बंद कर दी गई है. इसके अलावा भारी संख्या में सुरक्षाबलों की मूवमेंट से क्षेत्र में तनाव का माहौल है.
लोगों में था डर का माहौल
लाहौल-स्पीति से विधायक और प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने बताया प्रदेश सरकार ने दो एसपी टीम के साथ बॉर्डर एरिया में तैनात किए गए, ताकि वह स्थानीय लोगों की हौसला अफजाई कर सकें. सुरक्षा की दृष्टि से माहौल का जायजा भी ले सकें.
उन्होंने कहा कि जबसे सीमा पर तनाव बढ़ा है, उसके बाद ग्रामीणों का बॉर्डर एरिया में जाना बंद कर दिया गया है. केवल सैनिक और उनसे जुड़े वाहनों की आवाजाही को ही अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा भारी संख्या में सैनिकों और वाहनों की आवाजाही के बाद शुरुआत के दिनों में ग्रामीणों में डर का माहौल पैदा हो गया था, लेकिन जैसी ही भारतीय सेना के जवान पर्याप्त संख्या में बॉर्डर एरिया में पहुंचे उसके बाद ग्रामीणों में कोई डर नहीं रहा.
सीमावर्ती इलाकों में गश्त कर रहे जवान
हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों में भारत तिब्बत सीमा पुलिस और आईटीबीपी के जवान दिन-रात गश्त कर रहे हैं. तनाव बढ़ने के बाद से गश्त भी बढ़ा दी गई है. सैनिकों की संख्या में भी भारी इजाफा किया गया है.
बॉर्डर पर चीनी सैनिकों की गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही. मारकंडा ने बताया इस क्षेत्र में भारत एडवांटेज में है, क्योंकि समदो से लेकर आखिरी गांव छितकुल तक हम ऊंचाई पर है. भौगोलिक दृष्टि से भारतीय सेना आईटीबीपी की चौकियां चीन के मुकाबले काफी अधिक ऊंचाई पर हैं. इसी कारण भारतीय सैनिक आसानी से चीन की गतिविधियों पर नजर बनाए रख सकते हैं.
तनाव के बीच डेवलपमेंट एक्टिविटी तेज
मारकंडा ने कहा कि मोदी सरकार ने बॉर्डर एरिया में डेवलपमेंट एक्टिविटी भी तेज कर दी है. बॉर्डर के कुछ क्षेत्र की सड़कें बीआरओ से लेकर प्रदेश सरकार को दी गई थी ,लेकिन केंद्र सरकार से बात के बाद हमने यह निर्णय लिया कि सामरिक दृष्टि से अति महत्व पूर्ण सड़कें बीआरओ को ही दी जाए. उनका रखरखाव और निर्माण तेज गति से हो सके. अंदरूनी भाग की सड़कें प्रदेश सरकार के हवाले हैं.
मारकंडा ने कहा कि इसको लेकर केंद्रीय अधिकारियों से बात हो चुकी है. हमने सिफारिश की है की बॉर्डर एरिया के रोड बीआरओ को वापस दिए जाएं. लाहौल स्पीति का शिपकिला भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित है. यहां से चीन का पहला गांव चिपकी करीब 5 किलोमीटर दूरी पर है, लेकिन आज कल चीनी सैनिकों ने अपनी सीमा में शिपकिला के पास टेंट लगा रखे हैं, जिसकी सूचना किन्नौर के नमज्ञा गांव के लोगों ने प्रशासन को दी थी.