शिमला: शिमला शहर में लगे 197 पेड़ लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. दरअसल, ये पेड़ कभी भी गिर सकते हैं और कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. खतरनाक पेड़ घोषित होने के बाद भी नगर निगम इन पेड़ों को हटा नहीं पा रहा है. नगर निगम इन पेड़ों को हटाने को लेकर सरकार से गुहार लगा रहा है .
बता दें कि इस बार कैबिनेट बैठक में नगर निगम को इन पेड़ों को हटाने की मंजूरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस बार भी नगर निगम को पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं मिली. अवहज अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है. बरसात में पेड़ो के गिरने का सिलसिला शुरू हो जाता है. ऐसे में इन पेड़ों के गिरने का डर लोगों को सता रहा है.
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गौरतलब है कि बीते वर्ष भी बरसात में पेड़ों के गिरने से काफी नुकसान हुआ था. शहर में 197 के करीब ऐसे पेड़ हैं जो लोगो के घरों के लिए खतरा बन हुए हैं. कई पेड़ ऐसे हैं जिन्हें हटाने के लिए काफी समय से लोग नगर निगम से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन नगर निगम इन पेड़ों को नहीं काट पा रहा है. इन पेड़ों को हटाने के लिए निगम की ट्री अथॉरिटी को सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है. सरकार से मंजूरी न मिल पाने के चलते ये पेड़ नहीं काटे जा रहे है.
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि शहर में खतरनाक पेड़ों को काटने के मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. निगम के पास पेड़ों को काटने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि बरसात में ये पेड़ गिर सकते हैं. नगर निगम द्वारा पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलते ही इन पेड़ों को काटा जाएगा.
बता दे नगर निगम ने हाल ही में शहर में खतरनाक पेड़ों को काटने की अनुमति के लिए सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था. पेड़ काटने की अनुमति कैबिनेट से मिलनी थी, लेकिन कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा तक नहीं हुई.
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