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उद्योग व व्यवसायियों के लिए अब तक 17705 करोड़ रुपये स्वीकृत: अनुराग ठाकुर

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ओर से 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत एमएसएमई व व्यापारियों के लिए 17705 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए हैं. केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है.

Anurag thakurAnurag Thakur, Union Minister of State for Finance
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री

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Published : Jun 8, 2020, 10:17 PM IST

शिमला: केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ओर से 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत एमएसएमई व व्यापारियों के लिए 17705 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जाने की जानकारी दी है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि कोरोना आपदा से देशवासियों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का आत्मनिर्भर भारत पैकेज दिया है. इस आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत केंद्र सरकार ने सभी वर्गों का पूरा ध्यान रखा व उन्हें उनकी जरूरतों के हिसाब से सहायता प्रदान की जा रही है.

आत्मनिर्भर भारत पैकेज बनाते समय हमने विभिन्न सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा की थी और उसी के अनुरूप नीतियां बनाई गई. सूक्ष्म, लघु, मध्यम, गृह उद्योग व व्यवसायियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की ओर से भारत सरकार की गारंटी पर 100 प्रतिशत आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत ऋण दिए जाने शुरू किए थे.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने जून महीने के शुरुआत में ही अब तक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 2.88 लाख यूनिट के लिए 17705 करोड़ रुपये का ऋण सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए मंजूर कर दिया है, जिनमें से 15100 यूनिट को 8300 करोड़ रुपये का भुगतान किया भी जा चुका है. इन उपायों से बैंक से 20% अतिरिक्त कार्यशील पूंजी एमएसएमई को कम ब्याज दर पर मोदी सरकार दे रही है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि मध्यम, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इनकी परिभाषा में बदलाव किया है. नई परिभाषा में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की बिक्री सीमा को बढ़ा दिया गया.

अब 5 करोड़ तक के टर्नओवर की इकाई सूक्ष्म, 50 करोड़ के टर्नओवर की इकाई लघु और 100 तक के टर्नओवर तक की इकाई को मध्यम वर्ग में शामिल किया जाएगा, यानी छोटे उद्योगों को मिलने वाली रियायतों की सीमा का विस्तार होगा इससे उद्योग का आकार और व्यापार बढ़ेगा.

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