शिमला: विश्व धरोहर दिवस पर रविवार को शिमला रेलवे ट्रैक पर 118 साल पुराना ऐतिहासिक भाप का इंजन दौड़ा. इस इंजन की खास बात यह है कि यह कोयलें से बनी भाप से चलता है. यह भाप का इंजन 1903 में बना था और भारत में अब शिमला रेलवे के पास ही भाप का इंजन बचा है जो वर्किंग हालत में है.
शिमला कालका रेलवे ट्रैक पर पहले भाप का इंजन ही दौड़ता था. समय बदलने के साथ डीजल के इंजन ने ले ली और भाप का इंजन सिर्फ विशेष ऑर्डर पर ही चलाया जाता है. हर साल प्रतिवर्ष विश्व धरोहर दिवस पर भी यह इंजन शिमला रेलवे ट्रैक से ओल्ड बस स्टैंड रेलवे ट्रैक तक चलाया जाता है और यादें ताजा की जाती हैं. 9 नवम्बर 1903 को कालका शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी. अपने 118 वर्ष के सफर में यह कई इतिहास संजोय हुए है. 96 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है. 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस मार्ग से यात्रा की थी.
कालका शिमला रेल मार्ग पर 103 सुरंगें हैं. जिसमें बड़ोग की सुरंग 33 नंबर सबसे लंबी है. जिसकी लंबाई 1143.1 मीटर है. वहीं, सुरंग क्रॉस करने में ट्रेन को ढाई मिनट लगता है. कालका शिमला रेलमार्ग नेरोगेज लाइन है इसमें पटरी की चौड़ाई 2 फुट 6 इंच है.