शिमला:हिमाचल प्रदेश में स्क्रब टाइफस से शिमला जिले में 1 साल की बच्ची की मौत हो गई है. अब स्क्रब टाइफस से होने वाली मौत का आंकड़ा 14 पहुंच गया है. जानकारी के अनुसार 1 साल की बच्ची स्क्रब टाइफस संक्रमण होने के चलते आईजीएमसी में एडमिट थी. आज बच्ची की मौत हो गई है. मौत का कारण स्क्रब टायइस बताया है. इसके अलावा डोडरा क्वार के रहने वाले एक 65 साल के व्यक्ति ने भी 1 अक्टूबर को अस्पताल में दम तोड़ा था.
आईजीएमसी में अब तक स्क्रब टाइफस के 1453 सैंपल लिए गए, जिसमें ये 438 लोग संक्रमित पाए गए. मंगलवार को कुल 20 लोगों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 4 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल रॉव का कहना है कि स्क्रब टाइफस से एक बच्ची और एक व्यक्ति की मौत हुई है. प्रदेश में 14 लोग अब तक स्क्रब टाइफस से अपनी जान गंवा चुके हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में एडमिट मरीजों पर डॉक्टरों की टीम पूरी नजर रख रहे हैं. अगर किसी व्यक्ति को तेज बुखार हैं तो वे अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट जरूर करवाएं.
क्या होता है स्क्रब टाइफस?:स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाडिय़ों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का तर्क है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें और घास आदि के बीच न जाए, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है, क्योंकि आगामी दिनों में खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है.