मंडी:हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहनपरियोजना के माध्यम से मंडी में 62 उप परियोजनाओं में 1261.46 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई. परियोजना के तहत प्रदान की गयी सिंचाई सुविधाओं, सब्जी उत्पादन का आधुनिक एवं तकनीकी ज्ञान के कारण जायका ने मंडी जिले की तस्वीर बदली. सिंचाई सुविधाएं मिलने से किसान पारम्परिक खेती छोड़ कर नगदी फसलों की खेती करने लगे हैं.
पहले लगता था समय ज्यादा
जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. नवनीत सूद के बताया कि परियोजना के तहत लगभग 1 करोड़ 11 लाख की लागत से खंड परियोजना प्रबंधक इकाई मंडी व सरकाघाट में कुल 68 हरित गृहों का निर्माण किया गया .जिससे किसानों की बेमौसमी सब्जियों व वैज्ञानिक तरीके से पनीरी का उत्पादन कर के आर्थिकी मजबूत हो रही. परियोजना के लाभार्थी किसानों ने बताया कि परियोजना के लागू होने से पहले किसानों को अपने उत्पाद को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. पहले वह पीठ पर ढोह कर मुख्य सड़क तक पहुंचाते थे, जिससे उनका समय व श्रम बहुत लगता था.
संपर्क मार्गों का किया गया निर्माण
परियोजना के लागू होने के बाद, किसानों के हित के लिए परियोजना द्वारा 5 करोड़ 37 लाख की लागत से संपर्क मार्गों का निर्माण किया गया, जिससे यहां के किसानों के समय व श्रम की बचत हो रही है. परियोजना के तहत खंड परियोजना प्रबंधक इकाई मंडी व सरकाघाट में कुल 7 संग्रहण केंद्रों का निर्माण किया गया, जिन पर लगभग 3 करोड़ 88 लाख रुपए व्यय किया गया. साथ ही साथ संग्रहण केंद्रों मे किसानों की सुविधा के लिए कूलिंग चैम्बर, एप्पल ग्रेडिंग लाइन, सीलिंग मशीन जैसी मशीनरी भी उपलब्ध करवाई गयी, जिस पर लगभग 1 करोड़ 5 लाख रूपए का खर्चा किया गया.