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पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे ग्रामीण, IPH विभाग सो रहा चैन की नींद!

मंडी के करसोग में पानी की समस्या ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. करसोग के लगभग सात गांव में लोगों को तकरीबन एक महीने बाद पानी की सप्लाई की जा रही है. ऐसे में ग्रामीणों के पास अपने पशुओं को पिलाने के लिए भी पानी की कमी हो रही है. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला.

water problem in karsog

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Published : Nov 22, 2019, 10:53 AM IST

करसोग: जिला मंडी के करसोग उपमंडल के सात गांव के लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. लोगों को अब यह चिंता सताने लगी है कि घर में बांधे पशुओं को पिलाने के लिए पानी का बंदोबस्त कहां से किया जाए. करसोग में आईपीएच विभाग की सुस्ती लोगों पर भारी पड़ने लगी है. समय रहते अगर ग्रामीणों की इस चिंता पर विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो गांव वालों को मजबूरन अपने मवेशियों को बेचना पड़ेगा.

बता दें कि आईपीएच विभाग के लापरवाह रवैये से सात गांव के सैकड़ों परिवार के लोगों को पानी का बिल भरने के बावजूद भी नाले से कंधों पर पानी लाने के लिए मजबूर हैं. करसोग के कैविधार, जैली, शील, पेगोधार, शाला, तेवन और भनोग गांव में लोगों को सर्दियों के दिनों में भी एक महीने बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है. इतने दिनों में सिर्फ एक सप्लाई देने के बाद भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

स्थानीय जनता इस बारे में जेई से लेकर एसडीओ तक को शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन कहीं पर भी ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में आईपीएच विभाग की लचर कार्यप्रणाली को लेकर लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. लोगों का कहना है कि जब विभाग पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं दे रहा है तो ग्रामीणों से किस बात का बिल वसुला जा रहा है.

मवेशियों को कहां से पिलाएं पानी:
किसानों ने अपनी आजीविका के लिए घर में 20 हजार से अधिक कीमत की जर्सी नस्ल की गाय बांध रखी है, लेकिन इनके लिए भी पानी कंधों में लाना पड़ रहा है. हालत अब यह हो गई है कि समय रहते अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो लोगों के पास मवेशियों को बेचने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा.

पाइपें फटने से आई दिक्कत: जेई
आईपीएच सेक्शन के जेई निशांत का कहना है कि पाइप लाइन फटने के कारण ग्रामीणों को पानी की दिक्कत पेश आ रही है. जेई का कहना है कि लाइन की रिपेयर कर दी गई है. अब जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.

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