मंडी:कोरोना वायरस के संकट के बीच देशभर में लगाया गया लॉकडाउन देशवासियों के साथ-साथ प्रकृति के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. एक तरफ लॉकडाउन लोगों की जिंदगी बचा रहा है और दूसरी तरफ वातावरण भी शुद्ध हो रहा है. लॉकडाउन के इस दौर में प्रकृति भी खुली हवा में सांस ले रही है.
नदियां झरने भी निर्मल दिख रहे हैं. हर जगह प्रदूषण का स्तर घटता नजर आ रहा है. लॉकडाउन के चलते वाहनों की आवाजाही समेत अन्य गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं. जिस वजह से प्रदूषण का स्तर घट रहा है. लॉक डाउन के मात्र दस दिन में ही हिमालय की गोद से बहने वाली ब्यास नदी की जलधारा भी निर्मल दिख रही है.
कुल्लू जिला स्थित ब्यास कुंड से बहने वाली ब्यास नदी पहले के मुकाबले अधिक साफ सुथरी दिख रही है. करीब 470 किलोमीटर लंबी ब्यास नदी कुल्लू, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा जिला से होते हुए पंजाब में सतलुज नदी में विलय होती है. ब्यास के तट पर मनाली, कुल्लू, मंडी, सुजानपुट टिहरा समेत कई शहर बसे हुए हैं, लेकिन लापरवाही व बढ़ते प्रदूषण के चलते ब्यास की निर्मल जलधारा प्रदूषित होती जा रही है. जिसमें अब कमी आंकी जा रही है.