करसोग: उपमंडल की मैहरन पंचायत के लहोट गांव में 12 से अधिक परिवार बारिश के पानी और बर्फ को मनरेगा में बने टैंकों में स्टोर कर अपना गुजारा चला रहे हैं. इस गांव को पांडली नाले से पानी की आपूर्ति होती थी, जो बरसात से पहले सूख गया था. ऐसे में पिछले करीब 8 महीनों से लगातार लोग पानी के लिए जल शक्ति विभाग से शिकायत कर रहे है, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.
बूंद-बूंद पानी को तरस लोग
आखिर में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोगों को सीएम हेल्प लाइन ही एक मात्र सहारा नजर आई, जिस पर लहोट गांव के लोग अक्टूबर 2020 से लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अब तक 1100 नंबर पर 8 से अधिक बार शिकायत करने पर भी लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ. हैरानी की बात है कि एक ही व्यक्ति की 2 शिकायत पर विभाग की ओर से सीएम हेल्प लाइन में अलग-अलग जवाब देकर सरकार को भी गुमराह किया.
सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत करने के बाद भी नहीं हल
इस बारे में जल शक्ति विभाग ने शिकायत नंबर पर शिकायतकर्ता को सुचारू रूप से पानी दिए जाने का जवाब दिया. वहीं उक्त व्यक्ति की ओर से सीएम हेल्प लाइन में दूसरे मोबाइल नंबर से फिर शिकायत की गई. इस पर जल शक्ति विभाग के चुराग सब डिवीजन की ओर से लोकल पेयजल सूखने और लहोट के लिए बैहली टैंक से नई लाइन बिछाने के लिए टेंडर लगाने की बात कही गई, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब लोकल स्त्रोत सूख गया है और नई लाइन भी बिछी नहीं है, तो गांव को सुचारू रूप से पानी की सप्लाई कहां से दी जा रही है.