मंडी: नेरचौक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं हृदय रोगों के विशेषज्ञ डॉ. रजनीश पठानिया ने एक सत्तर वर्षीय रोगी को नई जिंदगी प्रदान की है. गंभीर रूप से बीमार इस रोगी को तुरंत उच्च केंद्र पर वैस्कुलर सर्जरी की जरूरत थी.
दिनचर्या खत्म कर घर लौट रहे प्राचार्य को जब सूचना मिली तो उन्होंने रोगी की जान बचाने के लिए खुद सर्जरी करने का निर्णय लिया और डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद रोगी की जान बचाई. उनके इस कार्य की मेडिकल कॉलेज में प्रशंसा हो रही है.
शुक्रवार शाम सत्तर साल के कृष्ण कुमार लाल बहादुर शास्त्री सरकार के आपातकालीन विभाग में लाया गया. उनके बाएं निचले पैर में सूजन, सुन्नता और तीव्र दर्द की शिकायत थी. यह रोग हृदय से जुड़ा था ऐसे में रोगी की जान खतरे में थी. आपातकालीन विभाग के चिकित्सकों ने वैस्कुलर सर्जरी का निर्णय लिया.