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Uttarkashi Tunnel Accident: मंडी जिले के विशाल ने बताया कैसे काटे सिलक्यारा टनल में 17 दिन, घर पहुंचते ही परिजनों ने किया भव्य स्वागत

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक मौत से जंग लड़ने के बाद घर वापस लौट रहे हैं. दरअसल हिमाचल के मंडी जिले जिले के विशाल अपने घर पहुंच गए हैं. जहां उन्होंने बताया कि सुरंग में 17 दिन कैसे थे.

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17 दिनों तक टनल में फंसे रहने के बाद घर पहुंचा विशाल

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 5:37 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 6:19 PM IST

मंडी जिले के विशाल ने सुनाई कैसे काटे सिलक्यारा टनल में 17 दिन

मंडी:उत्तराखंड के उत्तराकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग हादसे में 17 दिन टनल में गुजारने के बाद शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गांव भंगोट निवासी 20 वर्षीय विशाल आखिरकार अपने घरवालों के बीच सकुशल पहुंच गया है. रेस्क्यू टीम और उत्तराखंड सरकार द्वारा विशाल को दिए इस नए जीवन के लिए परिजन उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं. विशाल के 19 दिनों बाद घर पहुंचने से पूर्व परिवार वालों ने अन्य रिश्तेदारों और ग्रामीणों संग नाच गाकर उनका जोरदार स्वागत किया.

सभी लोग पलकें बिछाए अपने लाडले का घर पहुंचने का सुबह से इंतजार कर रहे थे. जैसे ही विशाल अपने पिता और भाई सहित घर पहुंचा तो उसकी माता और दादी ने अपने बेटे की आरती उतारी और सकुशल पहुंचने पर फूट-फूट कर रोने से अपनी खुशी का इजहार किया. मौके पर मौजूद लोगों ने 'विशाल ठाकुर जिंदाबाद' और 'मोदी है तो मुमकिन है' के नारे लगाकर 41 श्रमवीरों के सफल रेस्क्यू पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद प्रकट किया.

17 दिनों तक टनल में फंसे रहने के बाद घर पहुंचा विशाल

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इसके उपरांत विधायक बल्ह इंद्र सिंह गांधी, जिला परिषद सदस्य रिवालसर प्रियंता शर्मा और जिला मंडी भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा ने विशाल और उसके परिजनों का स्वागत कर सम्मानित किया गया. विशाल और उसके परिजन ने प्रदेश सरकार से हिमाचल में ही रोजगार मुहैया करवाने की मांग की है.

विशाल ठाकुर ने बताया कि ''टनल में फंसने के दौरान बिताए गए समय को वे कभी भूल नहीं पाएंगे. टनल में श्रमवीरों ने अपना अधिकतर समय विभिन्न खेलों को खेलकर और टहल कर व्यतीत किया. इससे श्रमिकों के ऊपर मानसिक दबाव नहीं बन पाया और ज्यादातर कर समय सोकर गुजारा गया. उन्होंने कहा कि हादसे वाले दिन जब वह अन्य श्रमिकों के साथ टनल से बाहर निकल रहे थे तो उन्हें मलबा आने के कारण रास्ता बंद होने की जानकारी प्राप्त हुई. इसके उपरांत सबसे पहले श्रमिकों द्वारा ऑक्सीजन पाइप को खोला गया''.

माता के गले लगते हुए विशाल

विशाल ठाकुर ने कहा कि ''टनल में फंसने के शुरुआती घंटे सभी श्रमिकों के डर के साए में गुजरे और बाहर किसी भी व्यक्ति हमारा संपर्क नहीं हो रहा था. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डाक्टरों की टीम और अन्य अधिकारियों द्वारा श्रमिकों के साथ संपर्क किया जा रहा था''. विशाल ने कहा कि ''हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्थानीय बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी द्वारा टनल से बाहर निकलने पर फोन के माध्यम से बातचीत की गई''.

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वहीं, विशाल ठाकुर के परिजनों ने उनके सकुशल घर पहुंचने पर खुशी जताई है और कहा कि जब विशाल टनल में फंसा हुआ था तो उन्हें अपने बेटे की चिंता सता रही थी, लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा बेहतरीन कार्य करते हुए सभी श्रमिकों को बंद हुई टनल से सही सलामत बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि वे अब अपने बेटे को टनल में कार्य करने के लिए नहीं भेजेंगे. परिजनों ने प्रदेश सरकार से उनके बेटे विशाल को हिमाचल में ही नौकरी देने की मांग की है.

दादी के गले लगते हुए विशाल

स्थानीय विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि विशाल का सकुशल घर पहुंचना एक खुशी का विषय है. विशाल को वे अपने पास रोजगार मुहैया करवाएंगे और प्रदेश सरकार से भी विशाल को रोजगार देने का आग्रह करेंगे. उन्होंने सभी श्रमवीरों के सफल रेस्क्यू पर केंद्र और उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट किया है.

मौके पर मौजूद जिला मंडी भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा ने कहा कि विशाल के सकुशल घर पहुंचने पर समस्त परिवार और ग्रामीणों को बधाई है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, स्थानीय विधायक इंद्र सिंह गांधी का आभार जताया है. निहाल चंद शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 41 श्रमिकों के टनल से बाहर निकलने तक पल-पल की जानकारी लेते रहे. उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को सकुशल टनल से बाहर निकाल कर भारतीय जनता पार्टी ने जाको राखे साइंया मार सके न कोई कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है.

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Last Updated : Dec 1, 2023, 6:19 PM IST

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