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मंडी: युद्ध स्मारक में भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

49वां विजय दिवस सादे और गरिमा पूर्ण समारोह के रूप में शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता कार्यकारी सदर एसडीएम शहजाद आलम ने की.जिला लीग के अध्यक्ष कर्नल प्रताप चौहान ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अप्रैल 1971 में सेना प्रमुख सैम मानिकशाॅ को पाकिस्तान पर आक्रमण करने के आदेश दिए थे.

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Published : Dec 16, 2020, 3:51 PM IST

Tributes paid to martyrs at the war memorial in Mandi
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मंडी:भारत-पाक युद्ध का 49वां विजय दिवस सादे व गरिमा पूर्ण समारोह के रुप में शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता कार्यकारी सदर एसडीएम शहजाद आलम ने की. इस मौके पर पूर्व सैनिकों व वीर नारियों द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर 1971 भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीकर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सेना प्रमुख सैम मानिकशाॅ को पाकिस्तान पर आक्रमण करने के दिए थे आदेश

जिला लीग के अध्यक्ष कर्नल प्रताप चौहान ने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अप्रैल 1971 में सेना प्रमुख सैम मानिकशाॅ को पाकिस्तान पर आक्रमण करने के आदेश दिए थे. यह युद्ध 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चला था. 14 दिन के इस युद्ध में भारतीय सेना पूर्ण तैयारी व प्लानिंग के साथ उतरी थी.

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उन्होंने कहा कि भारत की ओर से पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जेएफआर जैकव की इस युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका रही थी. मेजर जनरल जैकव ने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी को हथियार डालने पर मजबूर कर 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करवाया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि सेना की पूर्वी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियांजी ने लगभग 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. उसी दिन से हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत-पाक युद्ध विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

युद्ध में प्रदेश के 190 सैनिकों में से मंडी जिला के 21 शूरवीर शामिल

गौरतलब है कि इस युद्ध में देश के 3843 शूरवीरों ने शहादत का जाम पिया था और 9851 सैनिक घायल हुए थे. प्रदेश के 190 सैनिकों ने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनमें मंडी जिला के 21 शूरवीर शामिल थे.

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