मंडी:छोटी काशी में अबटैक्सी चालकों को क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा. उन्हें जिला में जरूरी सामान की आपूर्ति में लगे वाहन चालकों की तरह ही कोरोना से बचाव के बारे पूरी तरह प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे सुरक्षा उपायों को ठीक से अमल में लाना सीख सके. इसके बाद जब टैक्सी चालक गाड़ी लेकर प्रदेश से बाहर जाएं तो उन्हें वापस आने पर क्वारंटाइन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि जिला प्रशासन विशेष कार्यशालाओं के माध्यम से सभी टैक्सी चालकों, जरूरी सामान की आपूर्ति में लगे वाहनों के चालकों व इस काम में लगे मजदूरों को जागरूक करने में जुटा है. उन्होंने बताया प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशानुसार जितने भी लोग बाहरी राज्यों के रेड जोन क्षेत्र से आ रहे हैं. उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन केन्द्रों में रखा जा रहा हैं. जो लोग ग्रीन या ऑरेंज जोन से आ रहे हैं उन्हें जिला प्रशासन होम क्वारंटाइन कर रहा है.
क्वांरटाइन करना संभव नहीं
कई लोग आवश्यक सेवाओं में कार्यरत हैं. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति या अन्य आपतकालीन सेवाओं के लिए इन्हें प्रदेश से बाहर रेड जोन क्षेत्र में भी जाना पड़ सकता है. ये लोग राशन, सब्जी के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं को माल वाहक वाहनों में ला रहे हैं. बहुत सारे टैक्सी चालक भी हैं जिन्हें आपतकालीन समय में किसी रोगी को लेकर प्रदेश से बाहर जाना या किसी रोगी को बाहर से लेकर आना पड़ सकता है. इन सेवाओं में किसी प्रकार की कोई बाधा न आए इसलिए ऐसे लोगों को क्वारंटाइन किया जाना सम्भव नहीं हैं.
खुद को रखना सुरक्षित
आवश्यक सेवाओं में लगे लोग रेड जोन से वापस आकर घर पर किन सावधानियों को बरतकर परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं इन बातों कr जानकारी इन्हें दी जा रही है. इस मुहिम के तहत जिला प्रशासन अब तक करीब 800 वाहन चालकों-मजदूरों को कार्यशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षित कर चुका हैं.कई बार टैक्सी चालकों को रोगी के अलावा भी अन्य जरूरतमंद लोगों की सेवाओं के लिए प्रदेश से बाहर जाना पड़ सकता है. ऐेसे सभी लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए समय समय पर चिकित्सकों की टीम प्रशिक्षित कर रही है. साथ ही इन सभी लोगों को उपमण्डल स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है.