मंडी: सीएम के गृह जिला में स्वाइन फ्लू से मरीजों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. इस बीच जोनल अस्पताल मंडी की पीसीआर लैब के लिए मंगवाई किट कस्टम ड्यूटी के चक्कर में फंस गई है. ऐसे में स्वाइन फ्लू के टेस्ट मंडी के बजाए शिमला में हो रहे हैं.
मंडी में मरीजों पर भारी पड़ रही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कस्टम ड्यूटी में फंसी टेस्टिंग किट - मंडी
मंडी में मरीजों पर भारी पड़ रही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कस्टम ड्यूटी में फंसी टेस्टिंग किट
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सीएम के गृह जिला में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए लाखों की पीसीआर लैब होने के बावजूद इसकी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. नेरचौक से माइक्रोबायोलॉजिस्ट की ओर से बार-बार पत्राचार के बावजूद पीसीआर लैब के लिए समय रहते किट नहीं खरीदी गई. अब किट को कंपनी के माध्यम से विदेश से मंगवाया गया है, लेकिन कस्टम ड्यूटी क्लीयरेंस न होने से और देरी हो रही है. सीएम के जिला में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मरीजों पर भारी साबित होती नजर आ रही है.
बता दें कि हाल ही में शिमला में सीएम जयराम ने स्वाइन फ्लू को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की थी, लेकिन उनके ही गृह जिला में अब लेटलतीफी के चलते स्वाइन फ्लू के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. इस सीजन में जोनल अस्पताल मंडी में एक भी स्वाइन फ्लू सैंपल की जांच नहीं हो पाई है.
पीसीआर लैब मंडी स्थित जोनल अस्पताल में है जबकि माइक्रोबायोलॉजिस्ट नेरचौक मेडिकल कॉलेज में है, लेकिन यहां पीसीआर मशीन नहीं है. स्वास्थ्य सचिव के आदेश पर मंडी को माइक्रोबायोलॉजिस्ट तो भेजा गया, लेकिन मशीन ने बिना किट जवाब दे दिया. वहीं, सीएमओ डॉ. जीवानंद चौहान ने बताया कि कंपनी से मिली सूचना के अनुसार कस्टम ड्यूटी के चक्कर में किट नहीं पहुंच पाई है. किट पहुंचने के बाद यहां भी सैंपल जांच शुरु हो जाएगी. फिलहाल सैंपल आईजीएमसी शिमला भेजे जा रहे हैं.