करसोगःकरसोग सिविल अस्पताल में सर्जन के पद पर सेवाएं दे रहे डॉक्टर कमल दत्ता का तबादला होने के बाद रिलीव किया गया है. डॉ. कमल दता का पिछले महीने कुल्लू के लिए ट्रांसफर किया गया था, जिस पर जनता ने सड़कों पर उतर कर विरोध जताया था, लेकिन लोगों इच्छा के विरुद्ध सरकार ने करीब एक महीने बाद सर्जन को रिलीव कर दिया है, जिससे अब करसोग में राजनीति गरमा गई है.
कांग्रेस ने सरकार से विशेषज्ञों डॉक्टरों के पद भरे जाने की थी मांग
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सहित युवा कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना की है. कांग्रेस का कहना है कि सर्जन ने पिछले साल अगस्त में ही ज्वाइन किया था. हैरानी की बात है कि सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बाद भी 9 महीने में ही सरकार ने सर्जन को तबादला आदेश थमा दिए हैं. इतने कम समय में अच्छी सेवाएं देकर सर्जन ने लोगों के दिलों में जगह बना दी थी, ऐसे में एकदम से सर्जन की बदली किए जाने से करसोग की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कांग्रेस ने सरकार से तुरन्त प्रभाव से सिविल अस्पताल में सभी विभागों में विशेषज्ञों डॉक्टरों के पद भरे जाने की मांग की है, ताकि लोगों को इलाज के लिए शिमला या मंडी न जाना पड़े.
इन पदों के भरने के दिए आदेश
बता दें कि मंडी जिला से जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने जुलाई 2020 में पहली बार करसोग सिविल अस्पताल में एक साथ 5 विभागों रेडियोलॉजिस्ट, सर्जन, गायनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी में विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भरने के आदेश जारी किए थे. इससे करसोग की जनता को घरद्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने की उम्मीद जगी है, जिसके लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें से 3 विभागों गाइनी, एनेस्थीसिया व ईएनटी विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने तो ज्वाइन ही नहीं किया. ऐसे में केवल रेडियोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण कुमार सहित सर्जन कमल दत्ता दो विशेषज्ञों ने ही अगस्त 2020 में अपना कार्यभार संभाला था.