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राधा स्वामी सत्संग ब्यास मामले में नसीहत देने से पहले अपना इतिहास पढ़ लें विक्रमादित्य: राकेश जम्वाल

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Published : Jan 17, 2021, 9:03 PM IST

कांग्रेस पार्टी के विधायक विक्रमादित्य के बयान पर प्रदेश भाजपा महामंत्री व सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य को ऐसे बयान देने से पहले कुछ होमवर्क कर लेना चाहिए. विक्रमादित्य का यह बयान उनकी अपरिपक्वता एवं उनकी राजनीतिक समझ को दर्शाता है.

Sundernagar MLA Rakesh Jamwal news, सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल न्यूज
फोटो.

मंडी:राधा स्वामी सत्संग ब्यास की अतिरिक्त जमीन बेचने के प्रस्ताव को लेकर आए कांग्रेस पार्टी के विधायक विक्रमादित्य के बयान पर प्रदेश भाजपा महामंत्री व सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य को ऐसे बयान देने से पहले कुछ होमवर्क कर लेना चाहिए. विक्रमादित्य का यह बयान उनकी अपरिपक्वता एवं उनकी राजनीतिक समझ को दर्शाता है.

प्रदेश भाजपा महामंत्री ने कहा कि ऐसे बयान देने से पहले विक्रमादित्य को को कम से कम अपने पिता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठकों का अध्ययन कर लेना चाहिए की किस प्रकार से 2017 में उन्होंने ने ही इस प्रस्ताव को पास किया था और आज इस मुद्दे के ऊपर वो सरकार को नसीहत देने में लगे हैं.

'प्रदेश सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की'

प्रदेश महामंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि धारा 118 का पिछली कांग्रेस सरकार का जमकर दुरुपयोग किया जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना भी पड़ा. जिसको पूरा प्रदेश जानता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की है और ना ही भविष्य में करेगी.

'नियमों के तहत दी गई अनुमति'

प्रदेश महामंत्री ने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जो भी अनुमति दी है वह नियमों के तहत ही दी गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश के हितों के साथ कोई भी खिलवाड़ भाजपा स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने विक्रमादित्य को नसीहत देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी बयानबाजी करने से पहले अपने बड़े बुजुर्गों से सलाह ले लिया करें.

प्रदेश महामंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर कांग्रेस पार्टी के नेता झूठ व फरेब की राजनीति करने पर मजबूर हो गए हैं. हिंदू धर्म गुरुओं के साथ कांग्रेस पार्टी के नेताओं का व्यवहार सदैव ही द्वेष पूर्ण रहा है जोकी दुर्भाग्यपूर्ण है.

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