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IIT मंडी की प्रथम लाइब्रेरी कर्मचारी डॉ. सोनाली की संघर्ष की कहानी, ऐसे हासिल किया ये मुकाम

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यदि डॉ. सोनाली मल्होत्रा का जिक्र किया जाए, तो यह उनके संघर्ष को सलाम माना जाएगा. मंडी के पास कमांद गांव में एक विशाल परिसर में किसी शहर जैसा रूप ले चुके आईआईटी मंडी ने रविवार को ही अपना 13वां स्थापना दिवस मनाया है. इस संस्थान को यहां तक पहुंचाने में कई अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान रहा है. ऐसे ही कर्मचारियों में शुमार है डॉ. सोनाली मल्होत्रा, जो यहां की प्रथम कर्मचारियों में से एक (IIT Mandi Sonali Malhotra) हैं. यानि पहले ही दिन से ये यहां पर सेवाएं दे रही हैं. आज हम आपको इन्ही के संघर्ष के बारे में बताएंगे

Sonali Malhotra
डॉ. सोनाली

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Published : Mar 7, 2022, 10:02 PM IST

मंडी:8 मार्च को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International womens day) मनाया जाता है और ऐसे में ईटीवी भारत ने उन महिलाओं की जीवनी से आपको रूबरू करवाने का प्रयास कर रहा है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी ऊंचा मुकाम हासिल कर समाज के लिए नजीर पेश की है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यदि डॉ. सोनाली मल्होत्रा का जिक्र किया जाए, तो यह उनके संघर्ष को सलाम माना जाएगा. मंडी के पास कमांद गांव में एक विशाल परिसर में किसी शहर जैसा रूप ले चुके आईआईटी मंडी ने रविवार को ही अपना 13 वां स्थापना दिवस मनाया है.

इस संस्थान को यहां तक पहुंचाने में कई अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान रहा है. ऐसे ही कर्मचारियों में शुमार है डॉ. सोनाली मल्होत्रा, जो यहां की प्रथम कर्मचारियों में से एक (IIT Mandi Sonali Malhotra) हैं. यानि पहले ही दिन से ये यहां पर सेवाएं दे रही हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटराईं कुल्लू से शिक्षा प्राप्त करने वाली डॉ. सोनाली मल्होत्रा बताती हैं कि वर्ष 2010 में उन्होंने मंडी शहर में आईआईटी मंडी की लाइब्रेरी में प्रथम कर्मचारी प्रोजेक्ट के तौर पर कार्यभार संभाला था और महज एक सहायक नरेंद्र कुमार के साथ कठिनाईयों से जूझते हुए पूरी लग्न और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए सभी विद्यार्थियों को लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की.

सोनाली मल्होत्रा.

आज वह इस विशाल परिसर में बनी आधुनिक लाइब्रेरी में एक बड़े पद पर पहुंच चुकी हैं. सुविधाएं न होने पर भी वह अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए रात को सफर करके दिल्ली से ट्रेन और फ्लाइट पकड़ कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाओं और सम्मेलनों में भाग लेती रहीं. आईआईटी में कार्य करते हुए भी उन्होंने अपनी उच्च शिक्षण को जारी रखा और आखिर में उसे वनस्थलि विद्यापीठ राजस्थान (Banasthali vidyapith rajasthan) द्वारा डॉ. सुनील भट्ट के नेतृत्व में लाइब्रेरी इन्फॉर्मेशन साइंस (library information science) में डॉकटर की उपाधि का सम्मान मिला.

सोनाली मल्होत्रा

उन्होंने अपने शोध पत्र देश विदेशों प्रस्तुत करके आईआईटी मंडी का नाम भी रौशन किया. उन्होंने पेरिस में 2016 और थाईलैंड में 2018 में एक अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. उन्हें लाइब्रेरी एसोसिएशन द्वारा लाइब्रेरी साइंस में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार भी मिले हैं. जिनमें बेस्ट परफॉर्मेंस अवार्ड 2016, एमर्जिंग वूमेन लाइब्रेरियन 2019 व मोस्ट डायनामिक लाइब्रेरी प्रोफेशनल अवार्ड 2021 भी (Most Dynamic Library Professional Award) शामिल है.

डॉ. सोनाली मल्होत्रा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और पति को देती हैं. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के सफर में बेटे एकाक्ष और बेटी वैष्णवी ने भी उनका साथ दिया है. डॉ. सोनाली का कहना है कि उनका सपना है कि वह आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा के नेतृत्व में अपने इस क्षेत्र में ऐसे नए आयाम स्थापित करे, जो देश विदेश में नई पहचान कायम कर सके.

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