मंडी:8 मार्च को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International womens day) मनाया जाता है और ऐसे में ईटीवी भारत ने उन महिलाओं की जीवनी से आपको रूबरू करवाने का प्रयास कर रहा है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी ऊंचा मुकाम हासिल कर समाज के लिए नजीर पेश की है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यदि डॉ. सोनाली मल्होत्रा का जिक्र किया जाए, तो यह उनके संघर्ष को सलाम माना जाएगा. मंडी के पास कमांद गांव में एक विशाल परिसर में किसी शहर जैसा रूप ले चुके आईआईटी मंडी ने रविवार को ही अपना 13 वां स्थापना दिवस मनाया है.
इस संस्थान को यहां तक पहुंचाने में कई अधिकारियों और कर्मचारियों का योगदान रहा है. ऐसे ही कर्मचारियों में शुमार है डॉ. सोनाली मल्होत्रा, जो यहां की प्रथम कर्मचारियों में से एक (IIT Mandi Sonali Malhotra) हैं. यानि पहले ही दिन से ये यहां पर सेवाएं दे रही हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटराईं कुल्लू से शिक्षा प्राप्त करने वाली डॉ. सोनाली मल्होत्रा बताती हैं कि वर्ष 2010 में उन्होंने मंडी शहर में आईआईटी मंडी की लाइब्रेरी में प्रथम कर्मचारी प्रोजेक्ट के तौर पर कार्यभार संभाला था और महज एक सहायक नरेंद्र कुमार के साथ कठिनाईयों से जूझते हुए पूरी लग्न और ईमानदारी के साथ कार्य करते हुए सभी विद्यार्थियों को लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की.
आज वह इस विशाल परिसर में बनी आधुनिक लाइब्रेरी में एक बड़े पद पर पहुंच चुकी हैं. सुविधाएं न होने पर भी वह अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए रात को सफर करके दिल्ली से ट्रेन और फ्लाइट पकड़ कर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाओं और सम्मेलनों में भाग लेती रहीं. आईआईटी में कार्य करते हुए भी उन्होंने अपनी उच्च शिक्षण को जारी रखा और आखिर में उसे वनस्थलि विद्यापीठ राजस्थान (Banasthali vidyapith rajasthan) द्वारा डॉ. सुनील भट्ट के नेतृत्व में लाइब्रेरी इन्फॉर्मेशन साइंस (library information science) में डॉकटर की उपाधि का सम्मान मिला.