मंडी: अपनी हिफाजत और संपत्ति की सुरक्षा के लिए आज के समय में बंदूक बेहद ही जरूरी मानी जाती है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत में महज तीन तरह की बंदूक का लाइसेंस जारी किया जाता है. आम नागरिकों के लिए शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टस गन के लाइसेंस ही जारी किए जाते हैं. बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय आपको स्पष्ट रूप से लिखना होता है कि आप किस लिए बंदूक का लाइसेंस लेना जाते हैं. आमतौर पर बंदूक का लाइसेंस संपत्ति की सुरक्षा, निजी सुरक्षा और शिकार के समय इस्तेमाल की जाने वाली बंदूक के लिए जारी किया जाता है.
इन स्थितियों में जारी किया जाता है बंदूक का लाइसेंस
एडीएम(अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट) मंडी श्रवण मांटा ने बताया कि जिला मंडी में बंदूक लाइसेंस आर्म एक्ट के तहत ही दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला में 10 हजार के करीब लोगों को बंदूक लाइसेंस जारी किए गए हैं. जिन्हें चार श्रेणियों में बांटा गया है. सबसे पहले फसल संरक्षण जिसमें फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए यह लाइसेंस दिया जाता है. दूसरा पशु या मवेशी संरक्षण जिसमें लाइसेंस आमतौर पर गद्दी समुदाय के लोगों को जंगली जानवरों से भेड़ बकरियों की रक्षा के लिए दिया जाता है. तीसरे चरण में आत्मरक्षा जिसमें लाइसेंस किसी व्यक्ति द्वारा खुद की जान को खतरा बताते हुए दिया जाता है. चौथी स्पोर्ट्स की श्रेणी में खेल की गतिविधियों से संबंधित लाइसेंस जारी किया जाता है. एडीएम ने कहा कि लाइसेंस बनवाने के लिए आर्म्स एक्ट के तहत S4 फॉर्म भरा जाता है और इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर एप्लीकेशन रद्द कर दी जाती है.
ये है बंदूक लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
बंदूक का लाइसेंस बनवाने के लिए एडीएम ऑफिस से एप्लीकेशन खरीदने के बाद यहीं अप्लाई करना होता है. एप्लीकेशन जमा होने के बाद इसे पुलिस जांच के लिए भेजा जाता है. पुलिस जांच में आपराधिक जांच और व्यक्ति के पते सहित दूसरी अन्य जानकारियां इकट्ठा की जाती है. पुलिस जांच के बाद ही एडीएम ऑफिस से लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी होती है.