मंडी: हिमाचल का मंडी जिला अपनी खुबसूरती और मंदिरों के लिए पूरे देश भर में विख्यात है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है. इस खुबसूरती को चार चांद लगाती है यहां की झीलें. मंडी जिले में सात झीलें हैं जो पर्यटन और लोगों की आस्था की प्रतीक हैं. इनमें से एक है रिवालसर झील. ये प्राचीन झील तीन धर्मों की संगम स्थली है. हिंदू, बौद्व और सिक्ख धर्म के लोगों की इस झील में गहरी आस्था है.
हर साल हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. लेकिन बीते कई सालों से रिवालसर झील का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. पानी में गाद की मात्रा बढ़ने से झील पूरी तरह से दूषित हो चुकी है. पानी में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कुछ साल पहले झील में भारी मात्रा में मछलियों की मौत हुई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने झील के संरक्षण के लिए योजना तो बनाई, लेकिन वो योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई. धरातल पर झील के संरक्षण के लिए अब तक कोई काम नहीं हो पाया है.
रिवालसर झील की मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो इसमें सिल्ट की मात्रा बढ़ने से जलस्तर सिकुड़ कर 10 से 15 फीट रह गया है. इसी वजह से ये धार्मिक स्थल अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. स्थानीय लोग झील की दयनीय हालत के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं.