हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

बड़ा देव कमरूनाग और माता शिकारी मंदिर में बर्फबारी, जिले में लुढ़का तापमान - मार्च तक शिकारी माता मंदिर के कपाट बंद

जिला मंडी में वीरवार को निचले इलाकों में बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों पर बर्फबारी हुई है.जिससे पूरे जिले में ठंड बढ़ गई है. बड़ा देव कमरूनाग और माता शिकारी मंदिर में बर्फबारी हुई है. (Snowfall in Shikari Mata) (Snowfall in Bada Dev Kamrunag Temple)

Snowfall in Bada Dev Kamrunag Temple
बड़ा देव कमरूनाग और माता शिकारी मंदिर में बर्फबारी.

By

Published : Dec 30, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 9:12 PM IST

बड़ा देव कमरूनाग और माता शिकारी मंदिर में बर्फबारी.

सराज: हिमाचल प्रदेश में वीरवार को कई हिस्सों में बर्फबारी हुई है. वहीं, मंडी जिले की सराज की पहाड़ियां भी वीरवार को बर्फ की सफेद चादर से ढक गई हैं. मंडी जिले के बड़ा देव कमरूनाग और माता शिकारी मंदिर में बर्फबारी हुई है. जिससे पर्यटक और बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. (Snowfall in Shikari Mata) (Snowfall in Bada Dev Kamrunag Temple) (Snowfall in Seraj)

उपमंडल थुनाग की ऊंची चोटियों पर भी हल्की बर्फबारी हुई है. वीरवार को समूचे सराज में धूप और बादल की आंख मिचौनी का दौर चलता रहा. दोपहर बाद सराज में रुक-रुक कर बारिश शुरू हो गई. सराज के अधिकांश जगहों पर बारिश का दौर रात तक जारी रहा. वहीं, सराज और बड़ा देव कमरूनाग सहित सभी ऊंची चोटी पर हिमपात हुआ. समूचे सराज में बारिश और ऊंची चोटियों में बर्फबारी से पारा लुढ़क गया है. जिससे समूचा सराज, जंजैहली, थुनाग, बगस्याड, जरोल, बागाचुनौगी और सराची ठंड की चपेट में आ गए हैं.

मार्च तक शिकारी माता मंदिर के कपाट बंद-सराज में बर्फबारी के पूर्वानुमान को देखते हुए 29 दिसंबर से को ही जिला प्रशासन द्वारा शिकारी माता मंदिर में धारा 144 लगा दी गई थी. स्थानीय लोगों और पर्यटकों को वहां जाने से सख्त मनाही की गई है. साथ ही आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. वहीं, मंदिर के कपाट भी 15 नवंबर से चार माह के लिए बंद है किए गए हैं, ताकि अप्रिय घटना से बचा जा सके. (Section 144 in Shikari Mata Temple)

ये भी पढ़ें:अब शिकारी देवी जाने पर होगी गिरफ्तारी, प्रशासन ने क्षेत्र में लागू की धारा 144

रायगढ़ से आगे श्रद्धालु और पर्यटकों पर रोक-अब रायगढ़ से आगे श्रद्धालुओं और सैलानियों के जाने पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है. इन धार्मिक स्थलों की पहाड़ियों पर बर्फीले तूफान व हिमस्खलन की भी आशंका व्यक्त की जा रही थी. जिसके चलते प्रशासन ने धारा 144 लगाने का निर्णय लिया. मंदिर कमेटी और प्रशासन द्वारा मंदिर के कपाट आगामी मार्च माह तक बंद करने का निर्णय 14 नवंबर को ही लिया गया.

ये भी पढ़ें:कांगड़ा में ट्रैकिंग गतिविधियों पर रोक, पालन नहीं किया तो होगी कार्रवाई

Last Updated : Dec 30, 2022, 9:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details