सुंदरनगर: चूल्हे-चौके की दुनिया से निकलकर हिमाचल की बेटियां कामयाबी पा रही हैं. बस से लेकर हवाई जहाज तक का सफर करने में हिमाचली बेटियां किसी से भी कम नहीं है. कोई साइंटिस्ट बन कर विज्ञान की दुनिया में छाई है तो कई खेल प्रतिभाओं में अपना लोहा मनवा रही हैं.
ऐसी ही खेल प्रतिभा में लोहा मनवा रही हैं हिमाचल प्रदेश की बेटी श्रेया लोहिया. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर की ग्राम पंचायत महादेव की श्रेया लोहिया ने मात्र 12 वर्ष उम्र में कारनामा कर दिखाया है. श्रेया ने देशभर में सबसे कम उम्र की गो-कार्टिंग कार रेसर बन कर कई खिताबों पर अपनी बादशाहत दर्ज करवा चुकी है.
मंत्री राकेश पठानिया के साथ श्रेया लोहिया इसके अलावा द फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोट्र्स क्लब ऑफ इंडिया ने श्रेया को मोटर स्पोर्ट्स-2018 में उत्कृष्ट महिला के रूप में भी सम्मानित किया था. श्रेया मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय रोटैक्स चैम्पियनशिप में पूरे भारतवर्ष से प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाली एकमात्र लड़की भी रह चुकी हैं. श्रेया ने इस प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया था.
श्रेया ने बेंगलुरु के एक रेसिंग स्कूल बायरल आर्ट में शामिल होकर इटली के कोच मार्को बारतोली के मार्गदर्शन में कोचिंग ली है. पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहने वाली श्रेया ने खेल और पढ़ाई के बीच संतुलन बना कर रखा हुआ है. वह अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.
गो-कार्टिंग कार रेसर श्रेया लोहिया और उनके परिवार ने हिमाचल प्रदेश सरकार से प्रदेश में गो-कार्टिंग कार रेस को बढ़ावा देने की मांग की है. उन्होंने इस बाबत हिमाचल प्रदेश सरकार के युवा खेल मंत्री राकेश पठानिया से मिलकर उन्हें इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी है. वहीं, राकेश पठानिया द्वारा भी सरकार की ओर से इस दिशा में हरसंभव प्रयास करने और नई खेल नीति में गो-कार्टिंग को शामिल करने का आश्वासन दिया गया है.
नेशनल चेंपियन गो-कार्टिंग कार रेसर श्रेया लोहिया ने कहा कि जब वे अपने परिवार के साथ हिमाचल प्रदेश आ रही थी तो बड़ोदरा में पहली बार गो-कार्टिंग कार रेसिंग की. इस खेल के प्रति उनकी रूचि बढ़ने के बाद परिवार ने उनकी हर संभव सहायता की. उन्होंने कहा कि गो-कार्टिंग रेसिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं.
श्रेया लोहिया की माता वंदना लोहिया ने कहा कि वर्ष 2018 से उनकी बेटी गो-कार्टिंग रेसिंग कर रह रही है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि सरकार को प्रदेश की बेटियों को खेल में बढ़ावा देने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए, जिससे देश व प्रदेश की बेटियां देश का नाम ऊंचा कर सके.
श्रेया लोहिया के पिता रितेश लोहिया ने कहा कि श्रेया ने इस खेल को लेकर ज्यादा रूचि दिखाई इसलिए श्रेया को बेंगलुरु में गो-कार्टिंग रेसिंग की अकादमी में भर्ती कर दिया. उन्होंने कहा कि गो-कार्टिंग एक मंहगा खेल है. इस खेल को अफ्फोर्ड करना आसान नहीं है. उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार से गो-कार्टिंग रेसिंग को बढ़ावा देने की मांग की है. रितेश ने कहा कि इसको लेकर वे प्रदेश के युवा खेल मंत्री राकेश पठानिया से भी मिल चुके हैं और राकेश पठानिया ने नई खेल नीति में शामिल करने और फाइनेंशियल मदद मुहैया करवाने का आश्वासन दिया है.