मंडी: गद्दी भेड़ और बकरी के मीट और ऊन की गुणवत्ता की पहचान के लिए देश का पहला शिप एंड गोट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पालमपुर में बनेगा. पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय ने इस प्रपोजल को तैयार स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. स्वीकृति मिलते ही इस बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू हो जाएगा.
इन जिलों में स्थापित किए जाएंगें सेटेलाइट सेंटर
कृषि विश्वविद्यालय ने इस प्रोजेक्ट को अपने अगले टारगेट के चिन्हित किया है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में गद्दी प्रजाति की भेड़ों और बकरियों को रखा जाएगा. इसका कार्य शुरू होने के साथ ही प्रदेश के सिरमौर, चंबा, लाहौल और कुल्लू जिला के बजौरा में भी सेटेलाइट सेंटर स्थापित किए जाएंगे, हालांकि इन सेंटरों में भेड़ और बकरियों की संख्या काफी कम होगी. सेटेलाइट सेंटर सीधे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से जुड़े होंगे ताकि यहां की प्रक्रिया को वे सीधा अपने सेंटरों में देख अमल में ला सकें.
क्या कहते हैं कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरिंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य लोगों को गद्दी मीट और ऊन की गुणवत्ता के बारे में लोगों को बताना है, जिससे वे इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकें. इसके माध्यम से मीट और ऊन का क्वालिटी को हाइलाइट किया जाएगा. यूएई के देशों में गद्दी मीट की भारी मांग रहती है. इन देशों के लोगों द्वारा इसे खूब पसंद किया जाता है.
आप को बताते चले की हिमाचल प्रदेश में साल भर में करीब 4410 टन गद्दी मीट का उत्पादन होता है, जबकि एक साल में गद्दी भेड़ की करीब 1500 टन ऊन का उत्पादन किया जाता है. हिमाचल में देश का पहला शिप एंड गोट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पालमपुर में स्थापित होगा. इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है.
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