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Seraj Bull Resuce operation: लैंडस्लाइड की वजह से 55 दिनों तक ढांक पर फंसा रहा बैल, प्रशासन रेस्क्यू करने में रहा फेल, सराज के युवकों ने निकाला

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 1:37 PM IST

सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भाटकीधार के गुतु खड्ड के पास पिछले 55 दिनों से ढांक पर एक बेजुबान बैल फंसा हुआ था. इस बैल को निकालने का काम स्थानीय पंचायत, थुनाग प्रशासन से लेकर सरकार तक नहीं कर पाई. वहीं, यह जटील रेस्क्यू स्थानीय युवकों ने पूरा करके दिखाया. पढ़िए पूरी खबर...(Seraj Bull stuck on Hill slope) (bull Rescued after 55 days in Seraj)

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सराज:हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं, इससे बेजुबान भी अछूत नहीं है.गौरतलब है कि 12 जुलाई को एक बैल भूख मिटाने के लिए ढांक पर पहुंच गया और शाम तक नहीं उतरा पाया. वहीं, अगले दिन बैल के आसपास दोनों ओर लैंडस्लाइड हो गया. जिसकी वजह से पिछले 55 दिनों से बैल वहीं फंसा रहा. इस दौरान प्रशासन भी इस बेजुबान का रेस्क्यू नहीं कर पाया. आखिरकार जो काम प्रशासन नहीं कर पाया, वो सराज के युवकों ने कर दिखाया. 55 दिन बाद युवकों ने सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत भाटकीधार के गुतु खड्ड के पास ढांक पर फंस बैल को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया और उसे सुरक्षित घर पहुंचा दिया.

जानकारी अनुसार जुलाई 12 जुलाई को एक बैल पेट की भूख मिटाने के लिए खड़े ढांक पर पहुंच गया और शाम तक ढांक से नीचे नहीं उतर नहीं पाया. वहीं, दूसरे दिन बैल के आसपास दोनों तरफ भूस्खलन हो गया. जिस कारण बैल को ढांक से बाहर निकलना जान को जोखिम में डालने से कम नहीं था. हालांकि, सूचना मिलने पर प्रशासन द्वारा एक रेस्क्यू टीम का गठन कर मौके पर तैनात किया था, लेकिन रेस्क्यू असफल रहा.

स्थानीय पंचायत प्रधान लीला देवी ने बताया कि आपदा के कारण घटना स्थल की दोनों ओर भूस्खलन हो गया और वापसी के रास्ते बंद हो जाने बैल ढांक पर फंस गया. स्थानीय लोगों ने 1100 (सीएम हेल्पलाइन) के माध्यम से शिकायत की थी. जिस पर एसडीएम थुनाग ने रेस्क्यू टीम भेजी थी, लेकिन भूस्खलन होने से रेस्क्यू टीम को वापस आना पड़ा. मौके पर रास्ते के आसार कम होने और दोनों छोर से हुए भूस्खलन के कारण बैल तक पहुंच पाना अति कठिन था. जिसके लिए पाटन गांव के कुछ युवाओं ने बैल को रेस्क्यू करने का बेड़ा उठाया और बेजुबान को सुरक्षित निकालकर बाहर ले आये.

समाजसेवी चमन लाल ने बताया स्थानीय युवा धन देव, रूप सिंह, तुलेश कुमार, इंदर सिंह, लुदरमणी और मदन लाल ने साहस का परिचय देते हुए बड़ा सराहनीय और पुण्य का कार्य किया है. बड़ी बात तो यह रही कि बैल के आसपास कहीं भी पानी नहीं था. बावजूद 55 दिनों तक जीवित रहा. कार्यकारी एसडीएम थुनाग अमित कलथैक ने बताया कि भाटकी धार के समीप ढांक पर फंसे बैल को स्थानीय ने निकल कर एक जीवन को सुरक्षित बचाया है.

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