मंडी: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरबाड़ा ने बिजली बोर्ड के सम्मेलन में आरोप लगाया कि प्रदेश में बिजली बोर्ड के घाटे में जाने का मुख्य कारण बोर्ड प्रबंधन की मिस मैनेजमेंट है. बिजली बोर्ड में होने वाले अधिकतर कार्यों को निजी कंपनियों को सौंपा जा रहा है.
कुलदीप सिंह खरबाड़ा ने बोर्ड प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रबंधन की लचर कार्यप्रणाली के चलते आज सभी कार्य कर्मचारियों से न करवाकर महंगे दामों पर निजी कंपनियों से करवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश में 25 हजार से अधिक मीटर बदलने का टेंडर जम्मू की एक कंपनी को दिया गया है. प्रति मीटर को बदलने का रेट 982 रूपये तय किया गया, जबकि मीटर का रेट ही 986 रूपए है. अब कंपनी नौनजवानों को 50 से 100 रूपए देकर मीटर बदलवाने का काम करवा रही है.