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अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव: निर्माणाधीन संस्कृति सदन में होगी देवी-देवताओं के ठहरने की व्यवस्था - अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में देवी-देवता

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में देवी-देवताओं और उनके साथ आए देवलुओं के ठहरने की व्यवस्था इस बार निर्माणाधीन संस्कृति सदन में की जा रही है. जिसको लेकर लोक निर्माण विभाग ने भी जिला प्रशासन के पास अपनी हामी भर दी है.

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निर्माणाधीन संस्कृति सदन में देवी-देवताओं के ठहरने की व्यवस्था

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Published : Feb 1, 2020, 11:34 AM IST

मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में देवी-देवताओं और उनके साथ आए देवलुओं के ठहरने की अस्थाई व्यवस्था देव समाज के लिए बनाए जा रहे संस्कृति सदन में की गई है. लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई व्यवस्था करने की हामी जिला प्रशासन के पास भेज दी है.

बता दें कि मंडी शहर के कांगनीधार में 17 करोड़ 65 लाख की लागत से संस्कृति सदन का निर्माण करवाया जा रहा है. यह सदन कुल्लू में बने देव सदन की तर्ज पर बनाया जा रहा है. इसमें ऑडिटोरियम और अन्य प्रकार की सुविधाएं भी शामिल की गई है ताकि वर्ष भर इसका इस्तेमाल किया जा सके. फरवरी 2015 में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह ने इसकी आधारशिला रखी थी, लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है.

वीडियो रिपोर्ट

लोक निर्माण विभाग मंडी डिविजन नंबर 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा के अनुसार संस्कृति सदन को पूरी तरह से बनाने में अभी समय लग सकता है. उन्होंने बताया कि इस बार के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव से पहले यहां बन रहे ऑडिटोरियम के ऊपर छत डालकर देवी-देवताओं के ठहरने की अस्थाई व्यवस्था कर दी जाएगी.

गौर रहे इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 22 से 28 फरवरी तक मनाया जाएगा. पिछले साल ही इस महोत्सव को अधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त हुआ है. इस महोत्सव में 215 पंजीकृत देवी-देवता और उनके हजारों देवलु शिरकत करने यहां आते हैं, लेकिन इस बार सुकेत रियासत के देवी-देवताओं को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इस कारण इस बार महोत्सव में देवी-देवताओं और देवलुओं की संख्या में भारी ईजाफा होने वाला है.

ऐसे में इन सभी के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था प्रशासन को ही करनी होगी. इसलिए प्रशासन ने निर्माणाधीन संस्कृति सदन में 25 से 30 देवी-देवताओं और उनके सैकड़ों देवलुओं के ठहरने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है.

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