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कोरोना संक्रमित की डेड बॉडी को सेनिटाइज करना चुनौती भरा काम, प्रशासन बरत रहा पूरी एहतियात - Dedicated covid Hospital Nerchok

कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करना भी चुनौती भरा काम है. जिसे स्वास्थ्य महकमे के लोग बखूबी निभा रहे हैं. डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक में कोविड पॉजिटिव डेडबॉडी के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजेशन के संसाधन मौजूद हैं.

Sanitizing corona infected dead body before funeral
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Published : Aug 27, 2020, 8:11 AM IST

सुंदरनगर: कोरोना से बचने के लिए दुनिया भर में वैक्सीन तैयार की जा रही है, लेकिन जब तक इस महामारी की दवा नहीं आती तब तक बचाव और ऐहतियात की इस महामारी से बचने का एक मात्र तरीका है. मरने के बाद भी किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस तब तक ही जिंदा रह सकता है, जब तक कि व्यक्ति के शरीर में फ्लूड यानी तरल रहता है. इसलिए डब्लूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी गाइडलाइन जारी की हैं.

एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित की मौत होने पर मेडिकल कॉलेज नेरचौक का मुख्य किरदार रहता है. कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करना भी चुनौती भरा काम है. जिसे स्वास्थ्य महकमे के लोग बखूबी निभा रहे हैं. डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक में कोविड पॉजिटिव डेडबॉडी के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजेशन के संसाधन मौजूद हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि कोविड पॉजिटिव डेडबॉडी को सेनिटाइज करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट का इस्तेमाल किया जाता है. इस सेनिटाइजर का घोल का अनुपात 1:9 रहता है, जिसमें 9 लीटर पानी में एक लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट का इस्तेमाल किया जाता है. कोरोना संक्रमित की मौत होने पर बॉडी के लिए स्टैंडर्ड पैरामीटर के हिसाब से सेनाटाइजेशन किया जाता है. इसके लिए अस्पताल के कर्मियों को भी पूरी ट्रेनिग दी गई है.

डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक में अभी तक कोरोना महामारी से 10 मरीजों की मौत हो चुकी है. इनका दाह संस्कार उनके धर्म के मुताबिक सुकेती खड्ड के किनारे पूरे प्रोटोकॉल के मुताबिक किया जाता है. कोविड पॉजिटिव डेडबॉडिज के अंतिम संस्कार के लिए सभी विभाग अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं.

इस पूरी प्रक्रिया में सेनिजाइजेशन विभाग भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है. नगर परिषद नेरचौक के सेनाटाइजेशन सुपरवाइजर उत्तम सिंह ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उन्हें सेनाटाइजेशन का काम करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

डेड बॉडी को वार्ड से लेकर डेड हाउस तक और डेड हाउस से लेकर अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया तक सेनाटाइजेशन किया जाता है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके. इस काम को करने के लिए 244 सफाई कर्मचारी और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई जाती है.

लोगों में गलत धारणा बैठी हुई है कि शव के पास रहने से कोरोना संक्रमण हो सकता है. हालांकि यह पूरी तरह सच नहीं है, स्वास्थ्य रिपोर्टों के मुताबिक, मानव शव वायरस कैरियर नहीं करता. मरने के बाद इंसानी शरीर के तरल पदार्थ जैसे खून, सलाइव, बलगम आदि में वायरस हो सकता है. इसीलिए अंतिम संस्कार को लेकर दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए हैं.

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