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राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस: चंडीगढ़ के रणदीप बत्ता ने मंडी में 128वीं बार किया रक्तदान

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Published : Oct 1, 2020, 6:11 PM IST

राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर डीगढ़ से आए रणदीप दत्ता ने 128वीं बार रक्तदान कर सबके लिए एक नजीर पेश की. इस अवसर पर रणदीप बत्ता ने बताया कि उन्होंने पूरे देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रक्तदान करने का प्रण लिया है. उन्होंने कहा कि वे अभी तक 17 राज्यों में जाकर रक्तदान कर चुके हैं और कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद में पहली बार मंडी में रक्तदान करने आए हैं.

Randeep Batta of Chandigarh donated blood for the 128th time in Mandi
फोटो.

मंडी:पूरे देश में 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन विभिन्न संस्थाएं बड़ी संख्या में रक्तदान कर पुनीत कार्य करती हैं. जिला मंडी में भी रोटरी क्लब के द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के मौके पर रक्तदान शिविर लगाया गया. जिसमें चंडीगढ़ से आए रणदीप दत्ता ने 128वीं बार रक्तदान कर सबके लिए एक नजीर पेश की.

इस अवसर पर रणदीप बत्ता ने बताया कि उन्होंने पूरे देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रक्तदान करने का प्रण लिया है. उन्होंने कहा कि रक्तदान को लेकर लोगों के बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है कई लोग कहते हैं कि रक्तदान से कमजोरी आती है और इससे नुकसान होता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य मिशन के तहत उन्होंने यह बीड़ा उठाया है और पूरे देश में रक्तदान कर वे इस अपने प्रण को पूरा करेंगे. रणदीप बत्ता ने कहा कि इन दिनों कुछ युवा नशे में चूर होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि नशा ही करना है तो रक्तदान का करो जिससे किसी दूसरे की जिंदगी बचाई जा सके और अपना शरीर भी स्वस्थ रहे.

उन्होंने कहा कि वे अभी तक 17 राज्यों में जाकर रक्तदान कर चुके हैं और कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद में पहली बार मंडी में रक्तदान करने आए हैं. बता दें कि रक्तदान जागरूकता के लिए 1975 से हर वर्ष 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के रुप में मनाया जा रहा है.

रक्त की बढ़ती जरूरत के साथ-साथ लोगों में जागरूकता भी आ रही है. कई लोगों ने तो रक्तदान को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया है. मौसमी बीमारियों के समय खून की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है और ऐसे में रक्तदाता लोगों का बड़ा सहारा बनते हैं.

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