सुंदरनगर/मंडी: मंडी:हिमाचल में कोरोना के मामले एक बार रफ्तार से बढ़ने लगे हैं. प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना संक्रमण की स्थिती से निपटने के लिए हर कदम उठाने और एहतियात बरतने का आश्वासन जनता को दे रहा, लेकिन अगर नजर डाली जाए जमीनी हकीकत पर कहानी कुछ ओर ही दिखाई दे रही है. जहां एक ओर कोरोना के बढ़ते मामले सबके लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर मंडी जिले के दूसरे सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान सिविल अस्पताल सुंदरनगर में प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के सभी दावों की पोल खुल गई है. बता दें कि सिविल अस्पताल सुंदरनगर में डेढ़ करोड़ रुपयों की लागत से स्थापित प्रेशर स्विंग अब्जॉर्प्शन प्लांट (PSA) बंद पड़ा हुआ है.
सुंदरनगर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद: गौरतलब है कि सिविल अस्पताल सुंदरनगर में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी कोई सुध नहीं ली और एक बार भी इसकी सर्विसिंग नहीं करवाई गई. वहीं, ऑक्सीजन प्लांट बंद हो जाने से 150 बैड वाले सिविल अस्पताल सुंदरनगर में जहां गंभीर बिमारियों से ग्रस्त मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं, अस्पताल प्रशासन को भी मरीजों के लिए रोजाना ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतजाम करना पड़ रहा है. जिससे अस्पताल प्रशासन भी खासा परेशान है.
कोरोना की दूसरी लहर में आया था ऑक्सीजन संकट: बता दें कि देश में जब कोविड-19 की दूसरी लहर आई थी तो उस दौरान देश में सबसे बड़ा संकट ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर सामने आया था. इस तरह का संकट भविष्य में दोबारा उत्पन्न न हो इसके लिए हिमाचल प्रदेश में पूर्व जयराम सरकार द्वारा सिविल अस्पतालों ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना की गई थी. लेकिन वर्तमान में करोंड़ों की लागत से स्थापित यह पीएसए प्लांट बंद पडे़ है, जिससे प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है.