मंडी: जातिगत आरक्षण को दस साल बढ़ाने पर हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग संयुक्त मंच भड़क गया है. मंच ने आगामी पंचायती राज, विधानसभा व लोकसभा चुनाव में राजनेताओं को सबक सिखाने की चेतावनी दी है.
मंच ने जातिगत आधार पर आरक्षण बढ़ाने का विरोध किया है और जातिगत के बजाए आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग उठाई है. इसी संदर्भ में मंच ने एडीएम मंडी श्रवण मांटा के माध्यम से राष्ट्रपति, पीएम व सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी भेजा है.
ज्ञापन देने के बाद के मंच सदस्यों ने मंत्रणा की. मीडिया से बातचीत करते हुए सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के संयोजक केएस जम्वाल ने बताया कि केंद्र सरकार जातिगत आरक्षण को दस साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है.
इसके तहत हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में जातिगत आरक्षण का समय खत्म होने से पहले ही इसे दस साल के लिए बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण को लेकर वर्तमान जयराम सरकार कुछ ज्यादा उतावलापन दिखा रही है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व में रही सरकारों ने भी सामान्य वर्ग के साथ उत्पीड़न किया है. प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भेदभाव किया जा रहा है. सामान्य वर्ग को उम्र व फीस में प्रताड़ित किया जा रहा है.
एडीएम मंडी को ज्ञापन सौंपते सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के सदस्य. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सामान्य वर्ग की अनदेखी करने वाली पार्टियों व सरकारों को आने वाले समय मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. 30 प्रतिशत संख्या वाले वर्ग की तुष्टिकरण के लिए 70 प्रतिशत वाले वर्ग को उत्पीड़ित करना किसी भी सूरत में सही नहीं है. इसे लेकर सामान्य वर्ग आने वाले समय पर बड़ा कदम उठाएगा.
इस दौरान राजपूत सभा, ब्राहम्ण सभा, खत्री सभा, महाजन सभा, नामधारी संगत, वालिया सभा के सदस्य मौजूद रहे. जिन्होंने सामान्य वर्ग संयुक्त मंच का समर्थन किया है.