मंडी: बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति कि बैठक जोगेंद्र वालिया अध्यक्षता में कंसा मैदान में हुई. जिसमें संघर्ष समिति के प्रभावित 7 ग्राम पंचायत के लगभग 50 किसानों ने हिस्सा लिया. समिति सदस्यों ने कड़े शब्दों में दुख जताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बार-बार समय मांगा लेकिन हमें समय नहीं दिया जा रहा है.
स्थानीय विधायक इंद्र सिंह गांधी व उपायुक्त मंडी के माध्यम से भी गुहार लगाई परंतु बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे की जद में आने वाले किसानों को विश्वास में ना लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक तरफा चल रहे हैं.
2020 में बल्ह हवाई अड्डे के लिए बजट में प्रावधान
पिछले वर्ष 2020 में बल्ह हवाई अड्डे के लिए बजट में प्रावधान किया और अब केंद्रीय बजट में भी एक हजार करोड़ का प्रावधान करवाकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. जबकि किसानों से कोई बात नहीं कि जा रही है. समिति का मानना है कि जयराम सरकार एक तरफा फैसला बल्ह के किसानों के उपर थोप रही है. जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा.
1 मार्च 2021 को कंसा चौक से रैली का आयोजन
बैठक में निर्णय लिया है कि 1 मार्च 2021 को कंसा चौक से एसडीएम बल्ह के कार्यालय तक एक रैली का आयोजन कर एसडीएम बल्ह के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा. रैली को सफल बनाने के लिए 20 फरवरी 2021 से लेकर 28 फरवरी 2021 तक सभी गावों में जन-संपर्क अभियान चलाया जाएगा.
हवाई अड्डे से लोगों को नुकसान
प्रस्तावित हवाई अड्डे से सिंचाई व्यवस्था, पीने के पानी, टावर लाइन चरमरा जाएगी. इसके बनने से विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चे, शिक्षण संस्थान, मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सब तहस नहस हो जाएगा. यहां इस क्षेत्र में एक ही खेल मैदान बचा है. इस मैदान में प्रतिदिन 200 से 300 बच्चे,नौजवान और बेटियां अभ्यास करने आते हैं. यह मैदान दो विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ता है.
2500 मकान आएंगे चपेट में
इसके अलावा 2500 मकान, लाखों छोटे बड़े पेड़, कृषि उद्योग, व्यापारिक संस्थान, कृषि मशीनरी सब ख़त्म हो जाएगा. इस प्रस्तावित हवाई अड्डे के बीचों बीच तीन नदियां जाती हैं उनका सरकार क्या करेगी. हिमाचल और केंद्र की सरकार किसान विरोधी होने के साथ-साथ एकतरफा निर्णय लेने वाली सरकारें हैं.
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगेंद्र वालिया ने बताया कि केवल ATS-72 सीटर छोटा हवाई जहाज घरेलु उड़ान के लिए ही प्रस्तावित है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 3150 मीटर हवाई पट्टी बनानी पड़ेगी. ओएलएस सर्वे के अनुसार सुंदरनगर की पहाड़ियां (बंदली धार) 500 मीटर काटनी पड़ेगी जो की कभी भी संभव नहीं है.