करसोग:हिमाचल में विंटर सीजन में कम हुई बारिश और बर्फबारी से सामान्य से अधिक चल रहे तापमान के कारण इस बार करसोग में स्टोन फ्रूट में करीब 12 दिन पहले फ्लावरिंग हुई है. मौसम में आए इस बदलाव की वजह से कई साल बाद स्टोन फ्रूट में अर्ली फ्लावरिंग हुई है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आने वाले समय में अच्छी बारिश होती है और तूफान व ओलावृष्टि नहीं होती है तो अर्ली फ्लावरिंग से उत्पादन में कमी नहीं आएगी.
करसोग में 6500 हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी के तहत:करसोग में बागवानी भी आजीविका का एक मुख्य साधन है. यहां करीब 6500 हेक्टेयर भूमि बागवानी के तहत आता है. इसमें करीब 5700 हेक्टेयर में सेब के बागीचे लगाए गए हैं, इसके अतिरिक्त करीब 800 हेक्टेयर में स्टोन फ्रूट सहित अन्य फलों का उत्पादन होता है.
फरवरी में सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक रहा तापमान. फरवरी में सामान्य से 4.5 फीसदी अधिक रहा तापमान:प्रदेशभर में फरवरी माह में रहे अधिकतम तापमान की बात करें तो 1 से 26 फरवरी तक अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 फीसदी अधिक रहा. इस दौरान करसोग में भी सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी की वजह से पलम, आडू व खुरमानी में अर्ली फ्लावरिंग हुई हैं. इसी तरह से बादाम में भी अब फ्लावरिंग आनी शुरू हो गई है. आने वाले दिनों में अगर मौसम ने साथ नहीं दिया तो तापमान में और वृद्धि दर्ज की जा सकती है.
कई क्षेत्रों में समय से पहले स्टोन फ्रूट में खिले फूल. विंटर सीजन में सामान्य से 34 फीसदी कम बारिश:प्रदेश में विंटर सीजन में 1 जनवरी से 26 फरवरी तक सामान्य से 34 फीसदी कम बारिश हुई है. इस अवधि में 116.9 मिलीमीटर बारिश हुई, वहीं इस दौरान सामान्य बारिश का आंकड़ा 177.2 मिलीमीटर बारिश का है. इसी तरह से अगर मंडी जिले के आंकड़े पर गौर करें तो यहां इस अवधि में सामान्य से 59 फीसदी कम बारिश हुई है. जिला में इस दौरान सामान्य बारिश का आंकड़ा 125.9 मिलीमीटर का है, वहीं मंडी में 51.5 मिलीमीटर बारिश हुई है.
बारिश अच्छी हुई तो नहीं घटेगा उत्पादन: विशेषज्ञ . बागवानी विशेषज्ञ एसपी भारद्वाज का कहना है कि सामान्य से कम हुई बारिश और बर्फबारी से इस बार स्टोन फ्रूट में 10 से 12 दिन पहले फ्लावरिंग हुई है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मौसम अनुकूल रहता है तो अर्ली फ्लावरिंग से उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी. वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 1 से 26 फरवरी में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 ज्यादा रहा. उन्होंने कहा कि विंटर सीजन में इस बार सामान्य से कम बारिश हुई है.
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