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ऐसा हौसला और कहां..जान जोखिम में डालकर बूथों पर पहुंचे मतदान कर्मी, बर्फ के ढेर भी नहीं रोक सके कदम

हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होना है. इसके लिए सभी 7881 पोलिंग बूथों पर मतदान कर्मी ईवीएम के साथ रवाना हो चुके हैं लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां चुनाव कराना बड़ी चुनौती से कम नहीं है. दुर्गम और ऊंचे इलाकों तक पहुंचने के दौरान कर्मियों को कई परेशानी झेलनी पड़ती है लेकिन जान जोखिम में डालकर भी कर्मी अपना फर्ज निभाते हैं. ऐसे मतदान कर्मियों के जज्बे को ईटीवी भारत सलाम करता है.

Polling team reached high altitude places
Polling team reached high altitude places

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Published : Nov 11, 2022, 3:35 PM IST

मंडी: शनिवार को हिमाचल की 68 सीटों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होना है. मतदान कर्मी ईवीएम के साथ बूथों पर पहुंच चुके हैं. गुरुवार को कर्मियों को रवाना किया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसे कई इलाके हैं जहां पहुंचना आसान नहीं होता. फिर भी मतदान कर्मी बिना रुके, बिना थके, कंधों पर ईवीएम लादे बूथों की ओर रवाना हुए. कहीं कहीं तो सुबह 11 बजे चले कर्मी पोलिंग बूथ रात में पहुंचे. कर्मियों का दुर्गम इलाकों तक पहुंचने का सफर भी जोखिमों भरा था. (Himachal assembly election 2022 ) (Polling team reached high altitude places).

जान जोखिम में डालकर बूथ पहुंचे मतदान कर्मी:करसोग का मगान सबसे कम वोटरों वाला पोलिंग स्टेशन है. यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 97 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 54 और महिला मतदाताओं की संख्या 43 है. ऐसे में पोलिंग टीम में शामिल 6 कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान कर्मचारियों का उत्साह चरम पर दिखा है. सभी बाधाओं को पार करते हुए कर्मचारी 12 नवंबर को होने वाले मतदान में अहम जिम्मेदारी निभाने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंच चुके हैं. लोकतंत्र के इस महापर्व में एक-एक वोट की कीमत को समझते हुए कर्मचारी ऊंची और बीहड़ स्थानों पर पहुंचने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं.

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करसोग से गुरुवार सुबह 11 बजे रवाना हुई थी पोलिंग पार्टी:करसोग में राजकीय महाविद्यालय से पोलिंग पार्टी सुबह करीब 11 बजे छोटी गाड़ी के माध्यम से मगान के लिए रवाना हुई. ये टीम पहले जिला मंडी के तहत प्रमुख स्टेशनों चुराग, अलसिंडी से होकर तत्तापानी पहुंची. इसके बाद टीम ने सतलुज नदी पर मंडी और शिमला जिला को जोड़ने वाले वाहन योग्य पुल को पार किया. जिसके बाद पोलिंग टीम शिमला जिला के सुन्नी से होकर चाबा और फिर जस्सी पहुंची. यहां गाड़ी से उतर कर पैदल उतराई उतरने के बाद पोलिंग टीम जिला शिमला और मंडी की सीमा पर बहने वाली सतलुज नदी पर पुराने झूले में बैठकर मंडी जिला के जकलीन पहुंची. फिर पगडंडी से होकर करीब 3 घंटे का सफर तय कर पोलिंग टीम रात के अंधेरे में 7 बजे मगान मतदान केंद्र पहुंची.

मगान में कठिन जीवन जीने को मजबूर: जिला मंडी के तहत करसोग उपमंडल में मगान अति दुर्गम क्षेत्र है. इस छोटे से गांव में सड़क सुविधा न होने से लोग बहुत ही कठिन जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. स्थिति ये है कि माचिस की डिब्बी खत्म होने पर इसे खरीदने के लिए लोगों को सतलुज नदी को झूले से पार कर जिला शिमला के तहत जस्सी पहुंचना पड़ता है. यही नहीं यहां से रोजाना 8 से 10 बच्चे जिला शिमला के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खेरा में पढ़ने के लिए झूला क्रॉस करके आते और जाते हैं.

कई सालों से पुल लगाने की मांग कर रहे लोग: ग्राम पंचायत सरतेयोला के तहत पड़ने वाले मगान गांव के लोग कई सालों से शिमला और मंडी जिला से होकर बहने वाली सतलुज नदी पर पुल लगाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच प्रदेश में कई सरकारें आईं और गई, लेकिन किसी लोगों की पुकार नहीं सुनी.

बर्फबारी के बीच पैदल पहुंची पोलिंग पार्टी:प्रदेश में मौसम ने भी करवट बदल ली है. सराज के दूर दराज उंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने चुनाव आयोग की मुश्किल बढ़ाई है. मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र तहत उपमंडल थुनाग में भी पोलिंग पार्टियों को खासी परेशानी हुई लेकिन बर्फ भी पोलिंग पार्टियों को नहीं रोक पाई. बर्फ के बीच वीरवार को थुनाग मुख्यालय थुनाग से सभी पोलिंग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गईं. सराज विधानसभा क्षेत्र में कुल 145 मतदान केंद्र हैं, इनमें से 2 से 4 जगहों में बर्फबारी हुई है, जिसके कारण कुछ मतदान केंद्र बर्फ से प्रभावित हैं. जिन पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा, उनकी मदद के लिए प्रशासन की ओर से रनर की व्यवस्था की गई थी.

3-5 इंच तक हिमपात: गुरुवार को वीरवार में सुबह से मौसम का मिजाज खराब था. चार बजे तक सराज विधानसभा क्षेत्र के राइगढ़ में करीब तीन इंच से पांच इंच तक हिमपात हुआ था. जिस कारण मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गए थे लेकिन, प्रशासन व विभागों की मुस्तैदी के चलते मार्गों को दोपहर करीब एक बजे तक बहाल करवा दिया गया. मार्गों के बहाल होते ही सभी पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों की ओर रवाना किया गया.

किन्नौर में माइनस में पहुंचा तापमान:किन्नौर जिले मे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जिले के 128 पोलिंग बूथों पर पोलिंग पार्टियों को गुरुवार को रिकागपीओ के बचत भवन से रवाना किया गया. इस बीच आसरंग, कुनो चारंग व छितकुल गांव मे भारी बर्फबारी के बाद सड़क बंद हो गए. सड़क बहाली के कार्य में काफी वक्त लगा जिसके बाद शाम तक वहां पर भी पोलिंग पार्टी पहुंच सके. इसके अलावा अन्य बूथों पर रिकागपीओ से पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया. इन पोलिंग पार्टियों के साथ पुलिस, होमगार्ड के जवान भी सुरक्षा की दृष्टि से साथ भेजे गए. जिले में दो दिनों से तापमान शून्य से नीचे चला गया है. ऐसे मे ठंड को देखते हुए पोलिंग पार्टीयो को गर्म वस्त्र पहनने के निर्देश दिए गए हैं और बसों व छोटे फॉर बाई फॉर वाहनों मे इन्हें रवाना किया गया.

भरमौर में बर्फबारी से प्रभावित कई बूथ:पांगी-भरमौर विधानसभा क्षेत्र के कई बूथ बर्फबारी की जद में हैं. बुधवार रात को जनजातीय उपमंडल भरमौर और पांगी के उंचाई पर बसे गांवों में चार से पांच इंच तक बर्फ की चादर जम गई थी. वहीं गुरुवार को धूप निकलने से थोड़ी राहत मिली और पोलिंग पार्टियां बूथों की ओर निकल पड़े.

बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान:मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश और बर्फबारी को लेकर पूर्वानुमान लगाया था. लिहाजा मंगलवार को ही मौसम ने समूचे भरमौर-पांगी क्षेत्र में करवट बदल ली थी और पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई. समूचे क्षेत्र में तापमान में गिरावट आ गई है. बताया जा रहा है कि बुधवार रात को क्षेत्र के उंचाई पर बसे गांवों में बर्फबारी हुई है. ऐसे में शनिवार को मतदान कराना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

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