मंडी: जिला में निर्माणाधीन किरतपुर-मनाली के कारण विस्थापित लोगों की पंचायतों को टीसीपी से बाहर करने को लेकर राजनीति गर्मा गई है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश कैबिनेट बैठक के द्वारा इन पंचायतों में टीसीपी 50 मीटर तक कम कर दी गई है.
इसको लेकर फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रभावित क्षेत्रों को फिर से टीसीपी में रखना स्थानीय लोगों के साथ खिलवाड़ किया जाना बताया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व सुंदरनगर विधायक राकेश जंवाल के द्वारा प्रदेश कैबिनेट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए लोगों के लिए सरकार का एक तोहफा करार दिया है.
बता दें कि मंडी जिला के तहत विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर, नाचन और बल्ह की कई पंचायतों के लोग इसमें आने के कारण विस्थापन का दंश झेलने के साथ टीसीपी की जद में भी आने के कारण लगातार विरोध दर्ज करवा रहे हैं. फोरलेन संघर्ष समिति मंडी के अध्यक्ष जोगिंदर वालिया ने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा फोरलेन प्रभावित किसानों को सड़क से 50 मीटर दोनों तरफ टीसीपी का कानून लगा दिया गया है. इससे अब आम लोग फोरलेन सड़क से उजड़ने के बाद अपना घर भी नहीं बचा पाएंगे. उन्होंने कहा कि लोगों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग द्वारा 29-45 मीटर सड़क के बाद 5 मीटर कंट्रोल ब्रिड्थ बिना मुआवजे के लिए जमीन छोड़नी पड़ेगी और उसके बाद 3 मीटर नगर ग्राम योजना के तहत और छोड़नी होगी.
सुंदरनगर के विधायक एवं प्रदेश भाजपा के महामंत्री राकेश जंवाल ने कहा कि मंडी जिला की नाचन, बल्ह व सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों को कांग्रेस द्वारा जबरदस्ती प्लानिंग एरिया से जोड़ा गया था. इसमें कुछ ऐसे भी ग्रामीण क्षेत्र थे, जहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी, जिसको लेकर पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण लंबे समय से प्रदेश सरकार से मांग कर रहे थे कि इन क्षेत्रों को प्लानिंग एरिया से बाहर निकाला जाए.
इसी को लेकर सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में अन्य कई मंत्रियो के साथ एक कमेटी का गठन किया गया, जिन्होंने पूरे प्रदेश का भ्रमण किया उसी को ध्यान में रखते हुए अब जयराम कैबिनेट ने बेहतर फैसला लेते हुए प्लानिंग एरिया को बाहर किया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ मिलेगा.